आईसीएआर – सेंट्रल कोस्टल एग्रीकल्चरल रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीसीएआरआई), इलाह, गोवा ने 1 मई 2024 को अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस को ‘श्रमिक सम्मान दिवस’ के रूप में मनाया। इस आयोजन का उद्देश्य संस्थान के विभिन्न विभागों में कार्यरत सभी श्रमिकों के योगदान को मान्यता देना और उनकी कड़ी मेहनत की सराहना करना था। गोवा सरकार के समाज कल्याण सचिव, श्री सुभाष चंद्र, इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे, जबकि यूएन-एफएओ के सलाहकार, डॉ. जे. आर. फलेरो ने सम्मानित अतिथि के रूप में कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। अतिथियों ने श्रमिकों के सामाजिक सुरक्षा और कल्याण योजनाओं से संबंधित अपने विचार साझा किए, जिससे श्रमिकों को प्रेरणा और आत्मविश्वास मिला।
सीसीएआरआई के निदेशक, डॉ. परवीन कुमार ने इस अवसर पर श्रमिकों का स्वागत किया और उन्हें फील्ड कार्य के लिए हैट भेंट की, जो 2024 की श्रमिक दिवस की थीम "बदलती जलवायु में कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करना" के अनुरूप था। उन्होंने संस्थान द्वारा श्रमिकों के लिए चलाई जा रही कई योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जिसमें कैम्पस में डिस्पेंसरी, श्रमिकों के बच्चों के लिए मुफ्त कोचिंग कक्षाएं, और उनकी उच्च शिक्षा के लिए स्वैच्छिक सहायता शामिल है।
मुख्य अतिथि, श्री सुभाष चंद्र ने सीसीएआरआई के इस अनूठे आयोजन की सराहना की और सभी श्रमिकों को उनके कार्य में निष्ठा और लगन के साथ योगदान देने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि संस्थान का यह कदम श्रमिकों के प्रति उसकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। इसी तरह, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख, केवीके, डॉ. एन. बोम्मयासामी ने भी श्रमिकों से बातचीत की और उनके कार्य की प्रशंसा की।
कार्यक्रम के दौरान श्रमिकों और उनके बच्चों के लिए एक प्रेरणादायक फिल्म '12th फेल' की विशेष स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। इस फिल्म ने यूपीएससी परीक्षा में सफलता प्राप्त करने वाले श्री मनोज कुमार शर्मा की संघर्षपूर्ण यात्रा को दिखाया, जिससे श्रमिकों और उनके बच्चों को प्रेरणा मिली।
आयोजन में सहयोगी प्रयास: कार्यक्रम को सफल बनाने में श्री राहुल कुलकर्णी (एसीटीओ) ने विशेष योगदान दिया और सभी का आभार व्यक्त किया। वहीं, श्री विश्वजीत प्रजापति (टीओ) ने कार्यक्रम में तकनीकी सहयोग देकर आयोजन को सुचारू रूप से संचालित करने में सहयोग दिया।
निष्कर्ष: इस आयोजन ने आईसीएआर-सीसीएआरआई की श्रमिकों के प्रति संवेदनशीलता और उनके अधिकारों की सुरक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दिखाया।