भारत में सर्दियों का मौसम हर साल कुछ नया लेकर आता है। 2023 की सर्दियाँ जहाँ कड़कड़ाती ठंड और सर्द लहरों से भरी थीं, वहीं 2024 की सर्दियाँ अपेक्षाकृत हल्की और अलग होंगी। भारतीय मौसम विभाग (IMD) की ताजा रिपोर्ट्स ने इस विषय में काफी चर्चा पैदा की है। इस लेख में हम 2023 और 2024 की सर्दियों का विस्तार से विश्लेषण करेंगे और समझेंगे कि इन बदलावों का हमारे जीवन, स्वास्थ्य, कृषि और पर्यावरण पर क्या प्रभाव पड़ेगा।
पिछले वर्ष के मुकाबले 2023 की सर्दी ने कई स्थानों पर सामान्य से अधिक ठंड का अनुभव कराया। खासकर दिल्ली, लखनऊ में आज का मौसम, और चंडीगढ़ जैसे शहरों में घने कोहरे ने जीवन को थाम-सा दिया था। उत्तर-पश्चिमी भारत में सर्दी का प्रकोप बढ़ गया, और कई क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 5°C से नीचे दर्ज किया गया। दिल्ली और अन्य प्रमुख शहरों में कोहरे और ठंड ने जनजीवन को प्रभावित किया।
भारत में सर्दियाँ नवंबर से फरवरी तक रहती हैं। IMD के आंकड़ों के अनुसार, आमतौर पर दिसंबर और जनवरी सबसे ठंडे महीने माने जाते हैं। ठंडी हवा उत्तर-पश्चिम से आती है, और हिमालय इस ठंड को दक्षिण की ओर बढ़ने से रोकता है। 2023 में यह पैटर्न ज्यादा कठोर था।
सर्दी का प्रभाव Effect of cold:
2024 की सर्दी: IMD का पूर्वानुमान Winter 2024: IMD' forecast:
IMD ने 2024 की सर्दियों के लिए हल्की ठंड का पूर्वानुमान दिया है।
सर्दी के प्रभाव
निष्कर्ष: IMD के पूर्वानुमान के अनुसार, 2024 की सर्दियाँ हल्की रहने की संभावना है, जो भारत के विभिन्न क्षेत्रों में तापमान में बदलाव की ओर इशारा करती हैं। जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को समझते हुए हमें अपने कृषि, स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए उपयुक्त कदम उठाने की आवश्यकता है।