Wheat farming: किसान ऐसे करें गेहूं की बुआई, मिलेगी बंपर पैदावार, जानें विशेषज्ञ की सलाह
12 Nov, 2024 12:00 AM IST Updated Fri, 22 Nov 2024 06:30 AM
अब धान की फसल कटने के बाद किसान रबी फसलों की बुआई में लग गए हैं। रबी फसलों में गेहूं एक प्रमुख फसल है और इसका बुआई का सही समय 5 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच होता है। हालांकि, बुआई के समय किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे मिट्टी में आवश्यक तत्वों की कमी, सही किस्म का चयन और बुआई की विधि। इस लेख में हम बताएंगे कि किसान गेहूं की बुआई कैसे करें ताकि अच्छी पैदावार प्राप्त हो सके। कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ प्रो. डॉ. आई.के कुशवाहा की सलाह से किसान अपनी बुआई प्रक्रिया को और बेहतर बना सकते हैं।
गेहूं की बुआई के समय ध्यान देने योग्य बातें Things to keep in mind while sowing wheat:
मिट्टी का परीक्षण और उर्वरक का प्रयोग: गेहूं की बुआई से पहले मिट्टी का सैंपल लेकर उसका परीक्षण कराएं। सहारनपुर जैसे क्षेत्रों में फास्फोरस, पोटाश, जिंक और बोरॉन की कमी पाई जाती है। मिट्टी के परीक्षण के आधार पर ही उर्वरकों का प्रयोग करें और इन तत्वों की कमी को पूरा करें। संतुलित उर्वरक का उपयोग करने से पौधों को बेहतर पोषण मिलेगा और पैदावार भी बढ़ेगी।
बुआई की विधि: गेहूं की बुआई हमेशा सीट ड्रिल से करनी चाहिए। इससे बीज का सही जमाव होता है और बुआई में बीज की मात्रा भी नियंत्रित रहती है। बिखेर कर बुआई करने से बीज की अधिक मात्रा लगती है और जमाव भी कम होता है। 1 एकड़ में 40 किलोग्राम बीज का उपयोग करें और पछेती बुआई के समय 50 किलोग्राम बीज का प्रयोग करें।
बीज उपचार: गेहूं के बीज को बुआई से पहले टेबुकोनाजोले दवा से उपचारित करना चाहिए। इससे बीज के अंदर और बाहर की फफूंद समाप्त हो जाती हैं और पौधों में रोगों का खतरा कम हो जाता है। इसके अलावा, बुआई से 3 घंटे पहले बीज में 5 किलो प्रति एमएल क्लोरपाइरीफोस का भी छिड़काव करें ताकि बीज को किसी प्रकार के कीटों से सुरक्षा मिले।
खेत की तैयारी कैसे करें How to prepare the field:
अच्छी पैदावार के लिए खेत की उचित तैयारी बेहद महत्वपूर्ण है। इसके लिए:
खेत की जुताई और पलेवा: सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई करें। जुताई करने के बाद पलेवा करें जिससे जमीन में नमी बनी रहती है और पौधों का फुटाव भी अच्छा होता है।
समय पर बुआई: विशेषज्ञों के अनुसार, गेहूं की बुआई जितनी देर से करेंगे, उत्पादन में उतनी ही कमी आएगी। इसलिए, खेत खाली होते ही गेहूं की बुआई करें और देर से बुआई हो रही है तो बीज में पानी का हल्का छींटा देकर बुआई करें ताकि जल्दी जमाव हो सके।
गेहूं की सही किस्म का चयन Selecting the right variety of wheat:
किसानों को अपने क्षेत्र की जलवायु और खेत की स्थिति के अनुसार गेहूं की किस्म का चयन करना चाहिए। सहारनपुर जैसे क्षेत्रों में बुआई के लिए DBW 359, DBW 303 और DBW 332 जैसी किस्में बेहतर साबित हो सकती हैं।
DBW 359: सीमित सिंचाई वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त और रोग प्रतिरोधी
DBW 303: अगेती बुआई के लिए उपयुक्त, सिंचित क्षेत्र में अच्छी पैदावार
DBW 332: जल्दी बुआई और अधिक उर्वरक के प्रयोग पर उच्च उत्पादन देने वाली किस्म
निष्कर्ष: गेहूं की बुआई के समय सही तकनीक अपनाकर और आवश्यक उर्वरक और उपचार का प्रयोग करके किसान अपनी पैदावार को बढ़ा सकते हैं। खेत की तैयारी से लेकर बीज उपचार और सही किस्म के चयन तक, हर कदम पर ध्यान देने से गेहूं की बंपर पैदावार संभव है।