देश के कई हिस्सों में मौसम ने एक बार फिर करवट ले ली है। गर्मी बढ़ने के साथ ही बादलों की आवाजाही तेज हो गई है, जिससे किसानों की चिंता बढ़ गई है। इसी बीच भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 20 से 22 मार्च के बीच कई राज्यों में गरज-चमक, तेज हवाओं, बारिश और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है।
मौसम विभाग के अनुसार, मध्य उड़ीसा से विदर्भ तक एक ट्रफ बनी हुई है और बंगाल की खाड़ी में एक प्रति-चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। इसके कारण पूर्वी और मध्य भारत में हवाओं का संगम हो रहा है, जिससे बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है।
IMD भोपाल के अनुसार, 20 से 22 मार्च के बीच मध्य प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक, तेज हवाएं और बारिश की संभावना है। साथ ही, 21 मार्च को पूर्वी मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि हो सकती है। प्रभावित जिले हैं:
भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, हरदा, खंडवा, देवास, शाजापुर, गुना, अशोक नगर, सिंगरौली, सीधी, रीवा, मऊगंज, सतना, अनुपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडौरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, मैहर, पांडुरना।
IMD पटना के अनुसार, 19 से 22 मार्च के बीच बिहार के कई जिलों में गरज-चमक और बारिश, जबकि 21-22 मार्च को ओलावृष्टि की संभावना है। प्रभावित जिले हैं:
पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीवान, सारण, शेखपुरा, नवादा, बेगूसराय, लखीसराय, गोपालगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, मुज़फ़्फ़रपुर, बांका, जमुई, मुंगेर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा, पूर्णिया, कटिहार, खगड़िया, भोजपुर, रोहतास, भभुआ, औरंगाबाद, अरवल, पटना, गया, नालंदा, जहानाबाद, भागलपुर, बक्सर।
IMD लखनऊ के अनुसार, 20 से 22 मार्च के बीच उत्तर प्रदेश के कई जिलों में गरज-चमक, तेज हवाओं और बारिश की संभावना है। प्रभावित जिले हैं:
आगरा, मथुरा, अलीगढ़, हाथरस, अयोध्या, अंबेडकर नगर, सुल्तानपुर, अमेठी, आजमगढ़, बलिया, मऊ, बस्ती, संत कबीर नगर, चित्रकूट, बाँदा, हमीरपुर, महोबा, बाराबंकी, गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, झाँसी, जालौन, ललितपुर, लखनऊ, उन्नाव, रायबरेली, मेरठ, बागपत, बुलंदशहर, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, हापुड़, मिर्जापुर, भदोही, सोनभद्र, बिजनौर, प्रयागराज, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, शामली, वाराणसी, गाजीपुर, जौनपुर, चंदौली।
• जिन इलाकों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना है, वहां किसान फसलों की सुरक्षा के उपाय करें।
• खुले में रखा अनाज तिरपाल आदि से ढकें ताकि वह भीगने से बच सके।
• सब्जी उत्पादक किसान फसल को बचाने के लिए पॉलीहाउस या नेट हाउस का उपयोग करें।
• पशुपालक अपने मवेशियों को बारिश और ठंडी हवाओं से बचाने की उचित व्यवस्था करें।
बदलते मौसम को देखते हुए किसानों और आम नागरिकों को सतर्क रहने की आवश्यकता है। उत्तर भारत के कई राज्यों में बारिश और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है, ऐसे में मौसम विभाग की ताजा अपडेट पर नजर रखें और सावधानी बरतें।