भारत के कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय ने किसानों की भलाई और कृषि उत्पादकता में सुधार के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीकों को अपनाया है। देश की कृषि में सुधार और किसानों को समस्याओं के समाधान के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है। इस लेख में हम देखेंगे कि किस प्रकार AI का उपयोग कृषि क्षेत्र में किया जा रहा है और कैसे यह किसानों को लाभ पहुँचा रहा है।
'किसान ई-मित्र' नामक एक AI-आधारित चैटबॉट का विकास इस पहल का महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह चैटबॉट प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ी जानकारी किसानों तक पहुंचाता है। यह हिंदी, तमिल, उड़िया, बंगाली और अंग्रेजी सहित विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध है, जिससे यह अधिक किसानों तक पहुंच सके। पिछले दो महीनों में 21 लाख से अधिक किसानों ने इस सेवा का लाभ उठाया है, जो इसकी लोकप्रियता को दर्शाता है।
कृषि मंत्रालय ने राष्ट्रीय कीट निगरानी प्रणाली भी विकसित की है, जिसमें AI और मशीन लर्निंग (ML) मॉडल्स का उपयोग किया जा रहा है। इसके माध्यम से फसलों में किसी भी प्रकार की समस्या का शीघ्र पता लगाया जा सकता है और किसानों को समय रहते आवश्यक सुझाव दिए जाते हैं। इस प्रणाली के उपयोग से फसलें स्वस्थ रहेंगी, जिससे उपज में वृद्धि होगी और किसानों की आजीविका भी बेहतर होगी।
17 जनवरी 2024 को एक त्रिपक्षीय समझौता किया गया, जिसमें राष्ट्रीय किसान कल्याण कार्यक्रम कार्यान्वयन सोसाइटी, डिजिटल इंडिया कॉर्पोरेशन के तहत IndiaAI, और वधवानी फाउंडेशन शामिल हैं। इस अवसर पर श्री मनोज आहूजा, डॉ. पी.के. मेहरदा, श्री सैमुएल प्रवीण कुमार, और श्री मुक्ता नंद अग्रवाल सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति रही।
वधवानी फाउंडेशन की भूमिका: इस समझौते के तहत, वधवानी फाउंडेशन कृषि में AI को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। यह फाउंडेशन भारत को AI-चालित डिजिटल कृषि क्षेत्र में एक वैश्विक नेता बनाने के लिए प्रतिबद्ध है, और इस दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्रालय के राष्ट्रीय AI योजना के अनुरूप काम करेगा।
कृषि में AI का भविष्य: इस पहल के तहत कृषि मंत्रालय ने एक AI सेल भी स्थापित किया है, जो डिजिटल कृषि परिवर्तन में AI के उपयोग को संगठित और प्रभावी तरीके से लागू करने में सहायक साबित होगा। AI का यह इस्तेमाल फसल की निगरानी, उत्पादन की भविष्यवाणी, कीट नियंत्रण, और संसाधनों का कुशल प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी होगा।
इस प्रकार, कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा उठाए गए ये कदम भविष्य में भारतीय किसानों की उत्पादकता को बढ़ाने और उन्हें डिजिटल युग के साथ जोड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।