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Sugarcane Varieties: शरदकालीन गन्ने की इन टॉप 5 उन्नत किस्मों की बुवाई करें, होगी बंपर पैदावार

Sugarcane Varieties: शरदकालीन गन्ने की इन टॉप 5 उन्नत किस्मों की बुवाई करें, होगी बंपर पैदावार
गन्ने की किस्मों
19 Nov, 2024 12:00 AM IST Updated Sat, 23 Nov 2024 11:59 AM

गन्ना भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसका उत्पादन मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, हरियाणा, पंजाब, बिहार, कर्नाटक, तमिलनाडु, और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में होता है। इनमें उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र गन्ना उत्पादन में अग्रणी हैं। शरदकालीन गन्ने की बुवाई का समय सितंबर के अंतिम सप्ताह से लेकर अक्टूबर तक उचित माना जाता है, जबकि कुछ किसान इसे नवंबर तक भी करते हैं। हालांकि, देर से बुवाई उत्पादन पर प्रभाव डाल सकती है, परंतु कुछ उन्नत किस्में ऐसी हैं जो बेहतर पैदावार देने में सक्षम हैं।

टॉप 5 शरदकालीन गन्ने की किस्में Top 5 Autumn Sugarcane Varieties:

यहाँ हम शरदकालीन गन्ने की पाँच प्रमुख किस्मों की जानकारी प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनकी खेती से किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं:

1. को.लख. 16202 (CoLk 16202):

  • बुवाई का समय: अक्टूबर से नवंबर।
  • विकास: इसे भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित किया गया है।
  • उपज: 92.8 टन प्रति हेक्टेयर।
  • शर्करा प्रतिशत: 13.57%।
  • रोग प्रतिरोधकता: उकठा और लाल सड़न रोग के प्रति प्रतिरोधी।
  • उपयुक्त क्षेत्र: पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तराखंड, और उत्तर प्रदेश के मध्य एवं पश्चिमी क्षेत्र।

2. को.लख. 14201 (CoLk 14201):

  • विशेषताएँ: मोटी और हल्के पीले रंग की।
  • शर्करा प्रतिशत: 18.60%, पोल प्रतिशत 14.55%।
  • उपज: 95 टन प्रति हेक्टेयर।
  • रोग प्रतिरोधकता: बेधक कीटों के प्रति सहनशील।

3. को.शा. 18231 (CoS 18231):

  • विकास: उत्तर प्रदेश गन्ना शोध परिषद द्वारा विकसित।
  • उपज: 90.16 टन प्रति हेक्टेयर।
  • रोग प्रतिरोधकता: उन्नत स्तर की।
  • शर्करा प्रतिशत: बेहतर स्तर पर।

4. अगेती को.शा. 13235 (Early CoS 13235):

  • विशेषताएँ: सीधी, मोटी और पीले-हरे रंग की।
  • उपज: 81 से 92 टन प्रति हेक्टेयर।
  • रोग प्रतिरोधकता: लाल सड़न रोग के प्रति मध्यम प्रतिरोधी।
  • अन्य लाभ: कीट और रोग प्रभाव न्यूनतम।

5. को. 15023 (Co 15023):

  • उपयोग: गुड़ बनाने के लिए उपयुक्त।
  • शर्करा प्रतिशत: अधिक, जिससे गन्ना मीठा होता है।
  • विशेषता: चीनी मिलों में एक प्रतिशत अधिक रिकवरी और कोल्हू से प्रति क्विंटल एक किलो अधिक गुड़।

गन्ने की बुवाई के लिए महत्वपूर्ण सुझाव Important tips for sowing sugarcane:

  1. मिट्टी की तैयारी: बुवाई से पहले मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए।
  2. कतार की दूरी: 60 सेंटीमीटर रखें ताकि पौधों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह मिले।
  3. पोषक तत्व: नाइट्रोजन, पोटेशियम, सल्फर, और आयरन जैसे तत्वों का संतुलित उपयोग करें
  4. रोग-प्रतिरोधक किस्में: लाल सड़न रोग से बचाव के लिए रोग-प्रतिरोधी किस्मों का चयन करें।
  5. फसल प्रबंधन: समय पर सिंचाई, गुड़ाई और बंधाई सुनिश्चित करें

निष्कर्ष: शरदकालीन गन्ने की इन उन्नत किस्मों की बुवाई करके किसान बंपर उत्पादन हासिल कर सकते हैं। ये किस्में रोग-प्रतिरोधक होने के साथ-साथ बेहतर शर्करा और उपज क्षमता प्रदान करती हैं। उचित बुवाई तकनीक और फसल प्रबंधन से किसानों की आय में वृद्धि की जा सकती है।