रबी सीजन अपने अंतिम चरण में है, और अब किसान खरीफ या ग्रीष्मकालीन फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। खासतौर पर, मूंग की खेती इस समय किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती है। मूंग एक कम समय में पकने वाली दलहनी फसल है, जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और पोषक तत्व होते हैं। किसानों के लिए MH 1142 नामक मूंग की एक खास वैरायटी चर्चा में है, जो कम समय में अच्छी पैदावार देती है। आइए जानते हैं इसकी पूरी जानकारी।
MH 1142 मूंग की यह नई किस्म सिर्फ 63 से 70 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। यह किस्म येलो मोजेक वायरस, पत्ता झुलसा, पत्ता मरोड़ और सफेद चुर्णी जैसे रोगों से पूरी तरह प्रतिरोधी है। इसके अलावा, इस किस्म को ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौसम में आसानी से उगाया जा सकता है।
इसके पौधे कम फैलाव वाले, सीधे और सीमित बढ़वार वाले होते हैं, जिससे कटाई आसान हो जाती है। इस किस्म की औसत उपज 12 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक हो सकती है।
अगर आप मूंग की खेती करना चाहते हैं, तो जीरो टिलेज तकनीक अपनाकर बेहतर उपज प्राप्त कर सकते हैं। गेहूं की हार्वेस्टिंग के बाद हैप्पी सीडर मशीन से मूंग की बुवाई करने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और पराली खेत में ही गलकर जैविक खाद में बदल जाती है। इससे उत्पादन भी बढ़ता है।
मूंग की खेती से बंपर उत्पादन पाने के लिए सही खाद और उर्वरकों का उपयोग करना जरूरी है। एक हेक्टेयर मूंग की फसल के लिए आपको—
✔ नाइट्रोजन: 20 किलोग्राम
✔ सल्फर: 50 किलोग्राम
✔ डायअमोनियम फॉस्फेट (DAP): 50 किलोग्राम
✔ पोटाश: 20 किलोग्राम
टेक्नोजेड खाद भी मूंग की खेती के लिए उपयुक्त है। इसमें 14% जिंक ऑक्साइड और 67% सल्फर पाया जाता है, जिससे पौधों की वृद्धि बेहतर होती है और उपज की गुणवत्ता बढ़ती है।
मूंग की सिंचाई कैसे करें?
मूंग की फसल में पानी की जरूरत कम होती है। ग्रीष्मकालीन मूंग की अच्छी वृद्धि और उपज के लिए 3-4 सिंचाई पर्याप्त होती है।
सावधानी:
मूंग की यह किस्म देगी बंपर मुनाफा!
अगर आप कम समय में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो MH 1142 मूंग की यह किस्म आपके लिए बेहतरीन विकल्प है।
मूंग की यह टॉप वैरायटी ग्रीष्म और खरीफ दोनों मौसम में लाभकारी है। सही खेती तकनीक अपनाकर किसान भाई उच्च पैदावार और ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं।