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Sugarcane sowing: गन्ने की बुवाई के समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें

Sugarcane sowing: गन्ने की बुवाई के समय ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
गन्ने की बुवाई
14 Nov, 2024 12:00 AM IST Updated Fri, 22 Nov 2024 12:02 PM

गन्ने की खेती भारत के कई राज्यों में प्रमुख रूप से की जाती है, और इस समय शीतकालीन गन्ने की बुवाई का सीजन चल रहा है। गन्ने की फसल से बेहतर उपज और मुनाफा प्राप्त करने के लिए, इसे गन्ने के घातक लाल सड़न रोग (Red Rot) से बचाना आवश्यक है। यह रोग इतनी तेजी से फैलता है कि अगर समय रहते इसका इलाज न किया जाए तो पूरी फसल को नष्ट कर सकता है। इसलिए गन्ने की बुवाई के समय विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए, ताकि इस रोग से बचाव किया जा सके।

लाल सड़न रोग की गंभीरता और बचाव के उपाय Severity of red rot disease and prevention measures:

गन्ने का लाल सड़न रोग एक खतरनाक रोग है, जिसे रोकने के लिए समय पर सावधानियां बरतना बेहद जरूरी है। इस रोग के कारण गन्ने की फसल नष्ट हो सकती है, और यदि बुवाई के बाद यह रोग लग जाता है, तो इसका इलाज बहुत कठिन हो जाता है। यह रोग बीज और मिट्टी से फैलता है, इसलिए बुवाई से पहले मिट्टी की जांच और बीज का चयन बहुत अहम है। कृषि वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर बुवाई के समय कुछ महत्वपूर्ण सावधानियां रखी जाएं, तो इस रोग से बचाव किया जा सकता है।

अंकुश जैविक उपचार से होगी रोग पर काबू Disease will be controlled by curbing biological treatment:

उत्तर प्रदेश गन्ना शोध संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. सुनील कुमार विश्वकर्मा के अनुसार, गन्ने के लाल सड़न रोग को रोकने के लिए एक जैविक उत्पाद "अंकुश" तैयार किया गया है। अंकुश में ट्राइकोडर्मा फफूंद का मिश्रण होता है, जो गन्ने के अलावा अन्य फसलों में मिट्टी जनित रोगों की रोकथाम करने में प्रभावी है। यह गन्ने के लाल सड़न रोग के नियंत्रण के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपाय है। किसान इसे खेत की अंतिम जुताई के दौरान 10 से 20 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से इस्तेमाल कर सकते हैं।

अंकुश का उपयोग और लाभ Uses and Benefits of Ankush:

अंकुश का उपयोग करने से गन्ने के लाल सड़न रोग का प्रभावी तरीके से इलाज किया जा सकता है, और यह गन्ने की फसल के लिए लाभकारी साबित होता है। खास बात यह है कि इसे अधिक मात्रा में भी प्रयोग किया जा सकता है, जिससे कोई नुकसान नहीं होता है। किसान इसे गोबर की सड़ी हुई खाद या मिट्टी में मिलाकर पूरी भूमि में बिखेर सकते हैं और फिर खेत की जुताई करके गन्ने की बुवाई के लिए तैयार कर सकते हैं। इस प्रक्रिया से गन्ने की फसल को रोग मुक्त रखा जा सकता है।

अंकुश की कीमत और खरीदारी: अंकुश की कीमत 56 रुपये प्रति किलोग्राम निर्धारित की गई है, और किसान इसे गन्ना शोध संस्थान से किसी भी कार्य दिवस में खरीद सकते हैं। साथ ही, गन्ने के बीज का चयन करते समय भी किसान को सावधानी बरतनी चाहिए। उन्हें ऐसे खेत से बीज का चयन करना चाहिए जहां लाल सड़न रोग का प्रभाव न हो। इसके अलावा, बीज के ऊपरी एक तिहाई हिस्से को काटकर, एकल कलिका बना कर खेत में रोपित किया जाना चाहिए।

निष्कर्ष: गन्ने की बुवाई के समय यदि उचित सावधानियां बरती जाएं, तो गन्ने के लाल सड़न रोग से बचाव संभव है। जैविक उपचार जैसे अंकुश का उपयोग करके, किसान अपनी फसल को सुरक्षित रख सकते हैं और बेहतर उत्पादन सुनिश्चित कर सकते हैं। इसलिए, गन्ने की खेती करते समय इन उपायों को ध्यान में रखना बेहद महत्वपूर्ण है।