मार्च आते ही गेहूं की कटाई शुरू हो जाती है, और किसान जल्द से जल्द अपनी फसल काटकर भंडारण करना चाहते हैं। हालांकि, इस दौरान कई ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जो उत्पादन और गुणवत्ता पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं। यदि आप अपनी गेहूं की फसल से अधिक और बेहतर उपज चाहते हैं, तो कटाई से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
कटाई से पहले गेहूं के दानों की नमी जांचना बहुत जरूरी होता है। कई किसान दाने पकते ही कटाई शुरू कर देते हैं, लेकिन अगर दानों में नमी ज्यादा होती है, तो वे पूरी तरह परिपक्व नहीं होते और उनका आकार छोटा रह जाता है।
सही समय पर कटाई करने के लिए गेहूं के दानों की नमी 12% से 14% के बीच होनी चाहिए। यदि नमी अधिक हो, तो फसल को अच्छी तरह से सूखने दें। इससे अनाज का वजन बढ़ेगा और भंडारण के दौरान फसल सुरक्षित रहेगी।
कई किसान कटाई के तुरंत बाद थ्रेसिंग करवा लेते हैं, जिससे अनाज का नुकसान होता है। कटाई के तुरंत बाद दाने पूरी तरह से सूखे नहीं होते, जिससे उनकी गुणवत्ता प्रभावित होती है।
बेहतर होगा कि कटाई के बाद फसल को खेत में 2-3 दिन तक अच्छी तरह से सूखने दें। जब तना और दाने पूरी तरह सूख जाएं, तभी थ्रेसिंग करें। इससे अनाज की गुणवत्ता बनी रहेगी और भंडारण में भी कोई समस्या नहीं होगी।
मार्च-अप्रैल के दौरान कई बार बेमौसम बारिश या ओलावृष्टि हो सकती है, जिससे फसल को भारी नुकसान हो सकता है। अगर कटाई से पहले बारिश हो गई, तो दाने अंकुरित हो सकते हैं, जिससे उनकी गुणवत्ता खराब हो जाएगी।
इससे बचने के लिए मौसम की जानकारी लगातार लेते रहें। अगर बारिश की संभावना हो, तो फसल को तिरपाल या प्लास्टिक शीट से ढककर सुरक्षित करें। कटे हुए गेहूं को खुले में ज्यादा देर तक न छोड़ें, ताकि बारिश से बचाव हो सके।
4. कटाई से 15-20 दिन पहले सिंचाई न करें
गेहूं की फसल पकने के बाद सिंचाई करने से पौधों में नमी बढ़ जाती है, जिससे कटाई के समय परेशानी हो सकती है।
कटाई से 15-20 दिन पहले सिंचाई बंद कर दें, ताकि पौधे और दाने पूरी तरह सूख जाएं। इससे न सिर्फ कटाई में आसानी होगी, बल्कि दाने भी मजबूत और अच्छी गुणवत्ता के होंगे।
गेहूं की कटाई से पहले कुछ जरूरी सावधानियां बरतने से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन बेहतर किया जा सकता है।
अगर इन सावधानियों का पालन किया जाए, तो गेहूं की फसल से अधिक उपज मिलेगी, भंडारण में कोई समस्या नहीं होगी और अनाज की गुणवत्ता बनी रहेगी।