Paddy variety: कमाल की पैदावार, बासमती धान की ये 7 किस्में बना देंगी किसान को लखपति, जानें नाम

Paddy variety: कमाल की पैदावार, बासमती धान की ये 7 किस्में बना देंगी किसान को लखपति, जानें नाम

धान की खेती

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कृषि दुनिया
  • 21 Mar, 2025 11:53 AM IST ,
  • Updated Sat, 22 Mar 2025 02:15 PM

भारत में धान की खेती प्रमुखता से कई राज्यों में की जाती है, जिसमें पंजाब, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। जैसे ही गर्मी खत्म होती है और मानसून की बारिश शुरू होती है, किसान खरीफ सीजन में धान की बुवाई की तैयारी में लग जाते हैं। अच्छी पैदावार के लिए किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीजों की आवश्यकता होती है।

इस लेख में हम आपको बासमती धान की 7 बेहतरीन किस्मों के बारे में जानकारी देंगे, जिनकी खेती करके किसान अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं और अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

1. पूसा बासमती 1121 Pusa Basmati 1121:

यह एक अर्ध-बौनी किस्म है, जिसकी ऊंचाई 110 से 120 सेमी होती है। इसे 2003 में पूसा सुगंध 4 के रूप में जारी किया गया था और 2008 में पूसा बासमती 1121 के रूप में अधिसूचित किया गया। पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के लिए यह उपयुक्त है।
खासियत:

  • 145 दिनों में तैयार
  • उपज: 4.5 टन प्रति हेक्टेयर
  • लंबे, पतले और सुगंधित दाने

2. पूसा बासमती 1985 Pusa Basmati 1985:

यह किस्म पूसा बासमती 1509 को सुधार कर विकसित की गई है और 115-120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है। यह हर्बिसाइड इमाजेथापियर 10% एसएल के प्रति सहनशील है।
खासियत:

  • उपज: 22-25 क्विंटल प्रति एकड़
  • जीआई क्षेत्र के लिए उपयुक्त (दिल्ली, पंजाब, पश्चिमी उत्तर प्रदेश)
  • सीधी बुवाई में पानी की बचत

3. पूसा बासमती 1979 Pusa Basmati 1979:

इस किस्म को पूसा बासमती 1121 को अपग्रेड करके विकसित किया गया है। यह 130-133 दिनों में तैयार होती है और खरपतवारनाशी इमाजेथापायर 10% एसएल के प्रति प्रतिरोधी है।
खासियत:

  • उपज: 45.77 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • सीधी बुवाई में उपयुक्त
  • पानी की बचत और कम लागत

4. पूसा बासमती 1592 Pusa Basmati 1592:

यह उन्नत और अधिक उत्पादक किस्म है, जो पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में उगाई जाती है।
खासियत:

  • उपज: 47.3 से 67.3 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • 120 दिनों में तैयार
  • झुलसा रोग प्रतिरोधी
  • पकने के बाद अत्यधिक सुगंध

5. पूसा बासमती 1609 Pusa Basmati 1609:

यह किस्म उत्तराखंड, पंजाब और दिल्ली के लिए अनुशंसित है।
खासियत:

  • उपज: 46.0 से 67.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • 120 दिनों में तैयार
  • झौंका रोग प्रतिरोधी
  • पकने के बाद दानों की लंबाई 13.9 मिमी

6. पूसा बासमती 1692 Pusa Basmati 1692:

यह एक अर्ध-बौनी किस्म है, जो दिल्ली, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में उगाई जाती है।
खासियत:

  • उपज: 52.6 से 73.5 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • 115 दिनों में तैयार
  • अतिरिक्त लंबे और पतले दाने
  • पकने के बाद दाने की लंबाई 17.0 मिमी

7. पूसा बासमती 1886 Pusa Basmati 1886:

यह किस्म हरियाणा और उत्तराखंड में उगाई जाती है।

खासियत:

  • उपज: 44.9 से 80.0 क्विंटल प्रति हेक्टेयर
  • 145 दिनों में तैयार
  • बैक्टीरियल ब्लाइट और ब्लास्ट रोग प्रतिरोधी
  • पकने के बाद दानों की लंबाई 15.2 मिमी

यदि किसान बासमती धान की खेती से बेहतर उपज और अधिक मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो उन्हें उन्नत किस्मों का चयन करना चाहिए।

  • पूसा बासमती 1121 और पूसा बासमती 1592 सुगंध और लंबाई के कारण सबसे अधिक लोकप्रिय हैं।
  • पूसा बासमती 1692 और 1886 अधिक उपज देने और रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण लाभदायक हैं।
  • सीधी बुवाई के लिए पूसा बासमती 1979 और 1985 सबसे उपयुक्त मानी जाती हैं।

बासमती धान की इन उन्नत किस्मों को अपनाकर किसान अपनी उपज बढ़ा सकते हैं और बाजार में अधिक मूल्य प्राप्त कर सकते हैं

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