महाराष्ट्र में गेहूं की कीमतें आसमान छू रही हैं। हाल ही में मुंबई की मंडियों में गेहूं के दाम 6000 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर पहुंच गए, जिसने रिकॉर्ड बना दिया। राज्य में उत्पादन की कमी और मंडियों में गेहूं की कम आवक ने कीमतों को नया आयाम दिया है।
महाराष्ट्र में गेहूं का उत्पादन देश के कुल उत्पादन का केवल 2% है। इस वजह से यहां गेहूं की कीमतें सामान्यतः अधिक रहती हैं। लेकिन, हाल ही में मुंबई की मंडियों में गेहूं के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से तीन गुना अधिक हो गए। 22 नवंबर 2024 को मुंबई मंडी में गेहूं का अधिकतम थोक दाम 6000 रुपये प्रति क्विंटल दर्ज किया गया, जो एमएसपी से 64% अधिक है।
विशेषज्ञों का मानना है कि ऑफ-सीजन होने के कारण किसान मंडियों में गेहूं नहीं ला रहे हैं। इस स्थिति का फायदा व्यापारी उठा रहे हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में उत्पादन कम होने के चलते आयात पर निर्भरता बढ़ गई है। यही कारण है कि राज्य की मंडियों में गेहूं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं।
मंडी का नाम | आवक (क्विंटल) | न्यूनतम दाम (₹/क्विंटल) | अधिकतम दाम (₹/क्विंटल) |
वर्धा | 34 | ₹ 2,850 | ₹ 2,915 |
खामगांव | 61 | ₹ 2,675 | ₹ 2,800 |
मलकापुर | 115 | ₹ 2,675 | ₹ 3,000 |
नागपुर | 101 | ₹ 2,752 | ₹ 3,050 |
छत्रपति संभाजीनगर | 5 | ₹ 3,000 | ₹ 3,200 |
मुंबई | 6706 | ₹ 2,800 | ₹ 6,000 |
अमलनेर | 15 | ₹ 2,700 | ₹ 3,500 |
मुंबई में गेहूं की कीमत रिकॉर्ड स्तर पर क्यों?
निष्कर्ष: मुंबई में गेहूं के दाम का 6,000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंचना दर्शाता है कि देश के विभिन्न हिस्सों में कीमतों में बड़ा अंतर हो सकता है। सरकार को इस स्थिति पर नजर रखनी होगी ताकि आम जनता और किसानों दोनों को नुकसान न हो।