मध्यप्रदेश सरकार ने आगामी खरीफ सीजन के लिए धान, ज्वार और बाजरा की खरीदारी के लिए अपनी उपार्जन नीति घोषित कर दी है। इस नीति के तहत, राज्य सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर इन फसलों की खरीद करेगी। इस वर्ष, कई राज्यों में किसानों से खरीफ फसलों की खरीद शुरू हो चुकी है, जबकि मध्यप्रदेश में यह प्रक्रिया कुछ दिनों में शुरू होगी। प्रदेश में ज्वार और बाजरा की खरीद 22 नवंबर से 20 दिसंबर तक होगी, जबकि धान की खरीद 2 दिसंबर से 20 जनवरी 2025 तक जारी रहेगी।
खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे उपार्जन नीति का पालन सख्ती से करें ताकि किसानों को पूरा लाभ मिल सके। अगर किसी अधिकारी या कर्मचारी ने इस प्रक्रिया में लापरवाही की, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि उपार्जन केंद्रों का निर्धारण किसानों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। इन केंद्रों को प्राथमिकता से गोदाम या कैंप परिसरों में स्थापित किया जाएगा। यदि यह स्थान उपलब्ध नहीं होते हैं, तो समिति या अन्य स्तर पर भी उपार्जन केंद्रों की स्थापना की जाएगी। उपार्जन केंद्रों का निर्धारण किसान पंजीकरण, बोए गए रकबे और पिछले वर्षों के आंकड़ों के आधार पर किया जाएगा।
मध्यप्रदेश राज्य सिविल सप्लाईज कार्पोरेशन को एमएसपी पर धान, ज्वार और बाजरा की खरीद का मुख्य नोडल एजेंसी बनाया गया है। इसके साथ ही, राज्य में सहकारी समितियां, महिला स्व-सहायता समूह, और अन्य सहमति देने वाली संस्थाओं को भी उपार्जन कार्य में शामिल किया जाएगा।
बारदाने की व्यवस्था gunny system: धान की खरीद के लिए 46% पुराने और 54% नए जूट बारदाने का उपयोग किया जाएगा। ज्वार और बाजरे के लिए सिर्फ नए बारदानों का इस्तेमाल होगा।
एफएक्यू मानक पर होगी फसल की खरीद: सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि केवल एफएक्यू (फसल की गुणवत्ता) मानकों पर खरीदी की जाएगी। जो फसल इन मानकों पर खरी नहीं उतरेगी, उसकी खरीद कम कीमत पर की जाएगी, और उसका सैंपल कृषि उपज मंडी में रखा जाएगा।
खरीद के लिए MSP तय:
एमएसपी के तहत फसलों की खरीद के लिए केंद्र सरकार ने जो दरें तय की हैं, वे इस प्रकार हैं:
पंजीयन के लिए किसानों को कहां आवेदन करना होगा?
किसान अपनी फसल को बेचने के लिए पंजीयन प्रक्रिया को ऑनलाइन पूरा कर सकते हैं। इसके लिए उन्हें (www.mpeuparjan.nic.in) पोर्टल पर जाकर स्लॉट बुकिंग करनी होगी। पंजीयन के बाद किसानों को मोबाइल पर अपडेट्स मिलेंगे, और इस बारे में उन्हें एसएमएस या पोर्टल के प्रिंटआउट के माध्यम से जानकारी भी प्राप्त होगी।
इस नई उपार्जन नीति के तहत, राज्य सरकार किसानों के लाभ के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगी, ताकि उनका उत्पादन सही मूल्य पर खरीदा जा सके।