Garlic crop protect: लहसुन की फसल में 60 दिन बाद ये फ्री खाद डालें, कंद बड़े होंगे और पाले का असर भी नहीं होगा

Garlic crop protect: लहसुन की फसल में 60 दिन बाद ये फ्री खाद डालें, कंद बड़े होंगे और पाले का असर भी नहीं होगा

लहसुन की फसल

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कृषि दुनिया
  • 04 Jan, 2025 11:30 AM IST ,
  • Updated Sat, 18 Jan 2025 01:24 PM

लहसुन की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है। यदि आप बेहतर उत्पादन और बड़े कंद की चाहत रखते हैं, तो 60 दिन की फसल पर एक विशेष फ्री खाद का उपयोग कर सकते हैं। यह न केवल पोषक तत्वों की कमी को पूरा करती है, बल्कि पाले से भी फसल की सुरक्षा करती है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह फ्री खाद कौन सी है और इसे किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है।

लहसुन की खेती क्यों है खास Why is garlic cultivation special?

लहसुन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है। बड़े और अच्छी गुणवत्ता वाले कंद अधिक कीमत पर बिकते हैं। लेकिन इसके लिए मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। बाजार की महंगी रासायनिक खादों का विकल्प ढूंढते हुए, हम आपको एक फ्री और प्रभावी खाद के बारे में बताएंगे, जो आपकी फसल को स्वस्थ और अधिक उत्पादक बना सकती है।

फ्री खाद: राख और गोमूत्र का जादुई मिश्रण Free Manure: Magical Mixture of Ash and Cow Urine:

लहसुन की फसल के लिए राख और गोमूत्र का उपयोग एक सरल और सस्ता विकल्प है।

राख के लाभ Benefits of Ash:

राख में कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, बोरोन, मैग्नीशियम, आयरन, सल्फर, जिंक, कॉपर और एल्युमिनियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। ये फसल को जरूरी पोषण प्रदान करते हैं और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं।

गोमूत्र के लाभ Benefits of cow urine:

गोमूत्र नाइट्रोजन का प्राकृतिक स्रोत है, जो पौधों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है। यदि आपकी मिट्टी में पहले से नाइट्रोजन की कमी नहीं है और आप गोबर खाद या बकरी के गोबर का उपयोग कर रहे हैं, तो गोमूत्र की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।

राख का सही उपयोग कैसे करें?

  1. बारिश के बाद करें छिड़काव:
    यदि आपके क्षेत्र में हाल ही में बारिश हुई है और मिट्टी में नमी है, तो आप राख का सीधा छिड़काव कर सकते हैं।
  2. गोमूत्र के साथ मिश्रण:
    यदि मिट्टी में गोबर खाद का उपयोग नहीं किया गया है, तो राख में गोमूत्र मिलाकर फसल पर छिड़काव करें। यह मिश्रण फसल को जरूरी पोषण देगा।
  3. सिंचाई का समय:
    राख का छिड़काव करने के तीन दिन बाद हल्की सिंचाई करें। इससे पोषक तत्व मिट्टी में घुलकर फसल तक आसानी से पहुंच जाएंगे।

राख और गोमूत्र के उपयोग से लाभ:

  • पाले से सुरक्षा: राख का उपयोग फसल को पाले से बचाने में मदद करता है।
  • रासायनिक खाद का खर्च बचाएं: इससे यूरिया और डीएपी जैसी महंगी खादों की आवश्यकता नहीं होगी।
  • फसल की गुणवत्ता में सुधार: बड़े और पोषक तत्वों से भरपूर कंद मिलते हैं।
  • मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें: मिट्टी में लंबे समय तक पोषक तत्व उपलब्ध रहते हैं।

महत्वपूर्ण सुझाव:

  • इस प्रक्रिया को अपनाने से पहले कृषि विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य करें।
  • मिट्टी की जांच कर यह सुनिश्चित करें कि आपकी मिट्टी को कौन-कौन से पोषक तत्वों की आवश्यकता है।

लहसुन की फसल के लिए राख और गोमूत्र का उपयोग एक प्रभावी और किफायती तरीका है। इससे न केवल फसल की पैदावार बढ़ती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। 60 दिन की फसल के बाद इस फ्री खाद का उपयोग करके आप अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकते हैं।

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