लहसुन की खेती किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय है। यदि आप बेहतर उत्पादन और बड़े कंद की चाहत रखते हैं, तो 60 दिन की फसल पर एक विशेष फ्री खाद का उपयोग कर सकते हैं। यह न केवल पोषक तत्वों की कमी को पूरा करती है, बल्कि पाले से भी फसल की सुरक्षा करती है। इस लेख में हम जानेंगे कि यह फ्री खाद कौन सी है और इसे किस प्रकार उपयोग किया जा सकता है।
लहसुन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का सौदा साबित होती है। बड़े और अच्छी गुणवत्ता वाले कंद अधिक कीमत पर बिकते हैं। लेकिन इसके लिए मिट्टी में पोषक तत्वों का संतुलन बनाए रखना जरूरी है। बाजार की महंगी रासायनिक खादों का विकल्प ढूंढते हुए, हम आपको एक फ्री और प्रभावी खाद के बारे में बताएंगे, जो आपकी फसल को स्वस्थ और अधिक उत्पादक बना सकती है।
लहसुन की फसल के लिए राख और गोमूत्र का उपयोग एक सरल और सस्ता विकल्प है।
राख में कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, बोरोन, मैग्नीशियम, आयरन, सल्फर, जिंक, कॉपर और एल्युमिनियम जैसे पोषक तत्व भरपूर मात्रा में होते हैं। ये फसल को जरूरी पोषण प्रदान करते हैं और मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं।
गोमूत्र के लाभ Benefits of cow urine:
गोमूत्र नाइट्रोजन का प्राकृतिक स्रोत है, जो पौधों की जड़ों को मजबूती प्रदान करता है। यदि आपकी मिट्टी में पहले से नाइट्रोजन की कमी नहीं है और आप गोबर खाद या बकरी के गोबर का उपयोग कर रहे हैं, तो गोमूत्र की आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
राख का सही उपयोग कैसे करें?
राख और गोमूत्र के उपयोग से लाभ:
महत्वपूर्ण सुझाव:
लहसुन की फसल के लिए राख और गोमूत्र का उपयोग एक प्रभावी और किफायती तरीका है। इससे न केवल फसल की पैदावार बढ़ती है, बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी बनी रहती है। 60 दिन की फसल के बाद इस फ्री खाद का उपयोग करके आप अपनी खेती को अधिक लाभकारी बना सकते हैं।