Potato crop: कोहरा और पाले से आलू की फसल को बचाएगी यह घरेलू चीज, जानें पूरी जानकारी

Potato crop: कोहरा और पाले से आलू की फसल को बचाएगी यह घरेलू चीज, जानें पूरी जानकारी

आलू की फसल को नुकसान से बचाएं

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कृषि दुनिया
  • 31 Dec, 2024 12:00 AM IST ,
  • Updated Tue, 31 Dec 2024 04:50 PM

सर्दियों का मौसम किसानों के लिए कई चुनौतियाँ लेकर आता है। ठंड के दौरान आलू की फसल पर कोहरा और पाले का असर बेहद घातक हो सकता है। इससे फसल पर झुलसा जैसे रोग लग जाते हैं, और फसल पूरी तरह खराब हो सकती है। इस वजह से किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है।

कोहरा और पाले का आलू की फसल पर प्रभाव:

कोहरा और पाला आलू की पत्तियों पर नमी जमा देता है, जिससे पौधों में फंगल इंफेक्शन और रोग फैलने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही, पाले से पौधे की कोशिकाएँ जम जाती हैं, जिससे उसकी वृद्धि रुक जाती है। लेकिन एक सरल और प्रभावी उपाय से आप अपनी आलू की फसल को इस नुकसान से बचा सकते हैं।

चूल्हे की राख: आलू की फसल का सस्ता और असरदार बचाव:

आलू की फसल को कोहरा और पाले से बचाने के लिए चूल्हे की राख एक चमत्कारी उपाय है। लकड़ी या गोबर के उपले से बनी राख में प्राकृतिक गुण होते हैं, जो फसल को गर्म रखते हैं और रोगों से बचाते हैं। राख छिड़कने से पत्तियों पर एक सुरक्षा परत बन जाती है, जो कोहरे और पाले के असर को कम करती है।

राख के उपयोग के फायदे:

  1. फसल को गर्मी प्रदान करना: राख फसल की सतह पर हल्की गर्मी बनाए रखती है, जिससे पौधों को ठंड का असर कम महसूस होता है।
  2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना: राख में मौजूद प्राकृतिक तत्व फसल को झुलसा और अन्य रोगों से बचाते हैं।
  3. पैदावार में इज़ाफा: राख के उपयोग से पौधों की वृद्धि बेहतर होती है और पैदावार कई गुना बढ़ जाती है।
  4. कीट नियंत्रण: राख में मौजूद तत्व कई प्रकार के कीटों को दूर रखते हैं, जिससे फसल पर कीटनाशकों का खर्च बचता है।

राख का उपयोग कैसे करें?

आलू की फसल में राख का सही तरीके से उपयोग करना जरूरी है।

  1. राख की मात्रा: 12-13 किलोग्राम लकड़ी या गोबर के उपले की राख इकट्ठा करें।
  2. फसल पर छिड़काव: राख को सुबह के समय फसल पर छिड़कें। ध्यान दें कि राख पौधों की पत्तियों और तनों पर समान रूप से फैले।
  3. समय: पाले और कोहरे की स्थिति के अनुसार राख का छिड़काव हर 2-3 दिन में करें।
  4. खाद के साथ मिलाना: राख को जैविक खाद के साथ मिलाकर मिट्टी में डालने से मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है।

राख का महत्व क्यों?

लकड़ी और गोबर की राख केवल पाले से बचाव ही नहीं करती, बल्कि यह जैविक उर्वरक का काम भी करती है। इसमें पोटाश, फॉस्फोरस और अन्य खनिज तत्व होते हैं, जो मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं। यह न केवल आलू की फसल बल्कि अन्य फसलों के लिए भी फायदेमंद साबित होती है।

नतीजा: किसानों के लिए सस्ता और कारगर समाधान:

चूल्हे की राख का उपयोग आलू की फसल के लिए एक सस्ता और प्राकृतिक उपाय है। यह न केवल फसल को कोहरा और पाले से बचाती है, बल्कि उसकी पैदावार को भी कई गुना बढ़ा देती है। यदि आप भी सर्दियों में अपनी आलू की फसल को सुरक्षित और उपजाऊ बनाना चाहते हैं, तो इस उपाय को जरूर अपनाएँ।