Kabuli chickpea variety: काबुली चने की एक नई किस्म जो किसानों को 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की बंपर पैदावार दे रही है। जानिए इस किस्म के बारे में
27 Nov, 2024 12:00 AM IST Updated Thu, 28 Nov 2024 07:23 AM
रबी सीजन की बुवाई का समय आते ही किसान अपनी फसलों की योजना बनाना शुरू कर देते हैं। चना, रबी सीजन की प्रमुख दलहन फसलों में से एक है, जिसे किसान गेहूं के साथ प्राथमिकता देते हैं। इस लेख में हम बात करेंगे काबुली चने की बीजी-3022 किस्म की, जो 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार देने में सक्षम है। यह किस्म किसानों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। आइए जानते हैं इसकी विशेषताओं, बुवाई के तरीके और अन्य संबंधित जानकारियां।
बीजी-3022: काबुली चने की उन्नत किस्म BG-3022: Improved variety of chickpea:
बीजी-3022 को 2015 में केंद्रीय विमोचन समिति द्वारा जारी किया गया था। इसे विशेष रूप से उत्तर-पश्चिमी मैदानी क्षेत्रों के लिए विकसित किया गया है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के किसान इसकी खेती कर सकते हैं।
विशेषताएं:
दाना आकार: बड़े और आकर्षक।
बीज वजन: 100 बीजों का वजन करीब 38 ग्राम।
प्रोटीन: 25% प्रोटीन सामग्री।
सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।
पैदावार क्षमता:
औसत उत्पादन: 18 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
अधिकतम उत्पादन: 30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
अन्य उन्नत किस्में जो देंगी बेहतर पैदावार Other improved varieties that will give better yields:
1. काबुली चने की एसआर-10 किस्म SR-10 variety of chickpea:
खेती क्षेत्र: सिंचित और असिंचित भूमि।
पकने का समय: 140 दिन।
पैदावार: 20-25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
विशेषताएं: रोग प्रतिरोधक क्षमता अधिक।
2. हरियाणा काबुली नं. 1 Haryana Kabuli No. 1:
विकास: चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय।
पकने का समय: 110-130 दिन।
पैदावार: 25-30 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
विशेषताएं: गुलाबी रंग के दाने, उकठा रोग प्रतिरोधक।
3. काबुली चने की श्वेता किस्म Shweta variety of chickpea:
पकने का समय: 85-95 दिन।
पैदावार: 15-20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
विशेषताएं: दाने मध्यम मोटाई के और स्वादिष्ट।
4. काबुली चने की शुभ्रा किस्म Shubhra variety of chickpea:
पकने का समय: 120-125 दिन।
पैदावार: 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
विशेषताएं: सूखा सहनशील और उकठा रोग प्रतिरोधक।
5. काबुली चने की मेक्सीकन बोल्ड किस्म Mexican Bold Variety of Chickpea:
विदेशी किस्म: असिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त।
पकने का समय: 90-100 दिन।
पैदावार: 25-35 क्विंटल प्रति हेक्टेयर।
विशेषताएं: मोटे, सफेद और चमकदार दाने।
काबुली चने की बुवाई का सही तरीका Correct method of sowing chickpea:
उच्च पैदावार प्राप्त करने के लिए बुवाई की प्रक्रिया को सही ढंग से अपनाना आवश्यक है।
खेत की तैयारी:
जुताई: खेत की 2-3 बार गहरी जुताई करें और मिट्टी को भुरभुरा बनाएं।
समानता: पाटा लगाकर खेत को समतल करें।
नमी संरक्षण: खेत में नमी बनाए रखने के लिए पाटा अवश्य लगाएं।
बीज की तैयारी:
उपचार:
राइजोबियम और पीएसबी: 5 ग्राम प्रति किलो बीज।
मोलेब्डनम: 1 ग्राम प्रति किलो बीज।
सुखाना: छाया में बीज सुखाएं।
बुवाई का उपकरण: सीडड्रिल का उपयोग करें।
बुवाई का तरीका:
पौधों की संख्या: 25-30 प्रति वर्ग मीटर।
दूरी:
कतार से कतार: 30-45 सेमी।
पौधे से पौधे: 10 सेमी।
पिछली बुवाई: बीज मात्रा 20-25% बढ़ाएं और दूरी घटाकर 25 सेमी रखें।
उर्वरक प्रबंधन: मिट्टी की जांच के आधार पर ही उर्वरकों का उपयोग करें।
काबुली चने की खेती से आर्थिक लाभ: काबुली चना न केवल अधिक पैदावार देता है, बल्कि बाजार में भी इसके दानों का अच्छा मूल्य मिलता है। विशेष रूप से मेक्सीकन बोल्ड किस्म के सफेद और चमकदार दानों की बाजार में मांग अधिक रहती है।
निष्कर्ष: काबुली चने की बीजी-3022 और अन्य उन्नत किस्में रबी सीजन में किसानों के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। सही बुवाई तकनीक और उन्नत किस्मों के चयन से आप अपनी पैदावार और मुनाफा बढ़ा सकते हैं।