Mustard crop: किसान सतर्क रहें, सरसों की फसल पर मंडराते इन दो खतरनाक कीटों से ऐसे करें बचाव
Mustard crop: किसान सतर्क रहें, सरसों की फसल पर मंडराते इन दो खतरनाक कीटों से ऐसे करें बचाव
कृषि दुनिया
28 Dec, 2024 12:00 AM IST ,
Updated Mon, 30 Dec 2024 12:04 PM
सरसों की खेती किसानों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है, लेकिन कीटों का हमला इसके उत्पादन पर भारी असर डाल सकता है। खासकर लाही (Aphid) और आरा मक्खी (Sawfly) जैसे कीट सरसों की फसल को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं।
लाही कीट: पत्तियों, तनों, और फलियों से रस चूसकर पौधे को कमजोर कर देता है।
आरा मक्खी: इसके लार्वा पत्तियों को खाकर पौधे की वृद्धि बाधित करते हैं।
इन कीटों के हमले से फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आइए जानते हैं इन कीटों की पहचान और प्रबंधन के उपाय।
1. सरसों की फसल में आरा मक्खी (Sawfly)
कीट की पहचान: आरा मक्खी का वयस्क कीट नारंगी-पीले रंग का होता है, और इसके सिर का रंग काला होता है। मादा कीट के अंडा रखने वाले अंग (ओभीपोजिटर) आरी के समान होते हैं, जिससे इसे "आरा मक्खी" कहा जाता है। इसके लार्वा पत्तियों को खाकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं।
प्रबंधन के उपाय:
गहरी जुताई करें
फसल कटाई के बाद खेत की गहरी जुताई करें। इससे मिट्टी में मौजूद प्यूपा नष्ट हो जाएगा, और कीट का जीवनचक्र टूटेगा।
नीम आधारित कीटनाशक का उपयोग करें
एजाडिरेक्टिन 1500 पी.पी.एम. का 5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करें
फेनभेलरेट 0.5% धूल: सुबह के समय 20-25 किग्रा प्रति हेक्टेयर फसल पर भुरकाव करें।
ऑक्सीडेमाटॉन मिथाइल 25 ई.सी.: 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
2. सरसों की फसल में लाही (Aphid):
कीट की पहचान:
लाही कीट छोटे आकार के पीले-हरे या काले भूरे रंग के होते हैं। यह कीट पत्तियों, तनों, टहनियों, पुष्पक्रम, और फलियों से रस चूसते हैं। इनके कारण।
पत्तियां मुड़ जाती हैं।
पुष्प प्रभावित होने से फलियां नहीं बनतीं।
मधु जैसा पदार्थ छोड़ने पर काले फफूंद उग आते हैं, जिससे प्रकाश संश्लेषण बाधित होता है।
प्रबंधन के उपाय Management measures:
समय पर बुआई करें
फसल की बुआई उचित समय पर करें और अनुशंसित मात्रा में नेत्रजन उर्वरक का उपयोग करें।
खेत को खर-पतवार से मुक्त रखें
खेत की साफ-सफाई और नियमित निगरानी से कीट प्रकोप कम करें।
पीले फंदों का उपयोग करें
प्रति हेक्टेयर 10 पीले फंदे लगाकर लाही कीट को आकर्षित करें।
नीम आधारित कीटनाशक का छिड़काव करें
एजाडिरेक्टिन 1500 पी.पी.एम. का 5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
रासायनिक कीटनाशक का प्रयोग करें
ऑक्सीडेमेटान मिथाइल 25 ई.सी.: 1 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
मालाथियॉन 50 ई.सी.: 1.5 मि.ली. प्रति लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
इमिडाक्लोरपिड 17.8% एस.एल.: 1 मि.ली. प्रति 3 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें।
कृषि विभाग की सलाह:
समय पर फसल प्रबंधन करें
समय पर कीटनाशक का छिड़काव करें और फसल की निगरानी रखें।
खेत की सफाई और जुताई करें
फसल कटाई के बाद गहरी जुताई करें ताकि कीटों के प्यूपा नष्ट हो सकें।
कीटों की नियमित निगरानी करें
फसल के हर चरण में कीटों के प्रकोप की पहचान करें और समय पर उपाय अपनाएं।
निष्कर्ष: सरसों की फसल को बचाने के लिए इन प्रबंधन उपायों को अपनाकर किसान न केवल उत्पादन बढ़ा सकते हैं बल्कि कीटों से होने वाले नुकसान को भी रोक सकते हैं। सही समय पर फसल की निगरानी और प्रभावी उपाय सरसों की गुणवत्ता और उपज दोनों को सुनिश्चित कर सकते हैं।