मटर के किसान सतर्क हों! सुंडी कीट से पैदावार घटने का खतरा, जानें कैसे करें बचाव!

मटर के किसान सतर्क हों! सुंडी कीट से पैदावार घटने का खतरा, जानें कैसे करें बचाव!

मटर की फसल में सुंडी कीट की समस्या

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कृषि दुनिया
  • 13 Jan, 2025 11:30 AM IST ,
  • Updated Mon, 13 Jan 2025 12:30 PM

मटर की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमाते हैं, लेकिन वर्तमान समय में सुंडी कीट इस फसल के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है। उत्तर प्रदेश सहित देश के कई हिस्सों में किसानों को इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। यदि समय रहते इस कीट पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह मटर की उपज और गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है। कृषि विशेषज्ञों द्वारा सुझाए गए कुछ सरल और प्रभावी उपाय इस समस्या से राहत दिला सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।

मटर की फसल में सुंडी कीट की समस्या The problem of caterpillar pest in pea crop:

मटर की खेती भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। हरे और सूखे मटर की बिक्री से किसानों को अच्छी आय होती है। लेकिन, सुंडी कीट के प्रकोप से हरे मटर की गुणवत्ता प्रभावित होती है, जिससे उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता। यह कीट शुरुआत में पत्तियों को नुकसान पहुंचाता है और धीरे-धीरे फली को भी बर्बाद कर देता है।

अगर समय पर इस कीट पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो यह उत्पादन में भारी गिरावट का कारण बन सकता है। इसलिए, किसानों के लिए यह जरूरी है कि वे सुंडी कीट के लक्षणों को पहचानें और समय पर उचित कदम उठाएं।

सुंडी कीट से बचाव के उपाय Measures to prevent caterpillar pest:

कृषि विशेषज्ञों ने सुंडी कीट से बचने के लिए तीन प्रमुख उपाय सुझाए हैं। इन उपायों को अपनाकर किसान अपनी फसल को इस समस्या से बचा सकते हैं।

1. फेरोमेन ट्रैप का उपयोग करें

सुंडी कीट की संख्या को नियंत्रित करने के लिए फेरोमेन ट्रैप का उपयोग एक प्रभावी उपाय है।

  • बुवाई के 15-20 दिन बाद खेत में फेरोमेन ट्रैप लगाएं।
  • यह ट्रैप कीट की जीवनचक्र को रोकता है, जिससे उनकी संख्या नहीं बढ़ती।
  • अन्य कीटों से बचाव के लिए नीम के तेल का छिड़काव करें। इसके लिए 1 लीटर पानी में 1 शैम्पू और नीम का तेल मिलाकर छिड़काव करें। इससे फसल को अन्य कीटों से भी सुरक्षा मिलती है।

2. ट्राइकोग्रामा कार्ड का उपयोग करें

ट्राइकोग्रामा कार्ड का उपयोग भी सुंडी कीट के नियंत्रण में मददगार साबित होता है।

  • एक एकड़ क्षेत्रफल के लिए दो ट्राइकोग्रामा कार्ड लगाएं।
  • यह कार्ड कीटों को प्रभावी ढंग से समाप्त करने में सहायक होता है।
  • इसका उपयोग करते समय सुनिश्चित करें कि कार्ड सही स्थान पर लगाया गया हो।

3. रासायनिक कीटनाशकों का इस्तेमाल करें

अगर सुंडी कीट का प्रकोप बढ़ जाए, तो रासायनिक कीटनाशकों का उपयोग करना जरूरी हो जाता है।

  • निम्नलिखित कीटनाशकों का उपयोग करें:
    • एनपीवी (एच) 2% एएस
    • बैसिलस थुरिनजीएसीन्स की कस्टकी प्रजाति (1 किलो)
    • एजाडीरेक्टिन 0.03% WSP (2.50 से 3 किलो)
  • इनकीटनाशकों को 600 लीटर पानी में मिलाकर फसल पर छिड़काव करें।
  • यह उपाय एक हेक्टेयर क्षेत्रफल के लिए उपयुक्त है।
  • ध्यान रखें कि इन दवाइयों का उपयोग तभी करें जब फसल में सुंडी कीट का प्रकोप स्पष्ट रूप से दिखे।

किसानों के लिए जरूरी सुझाव

  • नियमित निरीक्षण करें: फसल की नियमित रूप से जांच करें और सुंडी कीट के लक्षण दिखते ही त्वरित कार्रवाई करें।
  • जैविक और प्राकृतिक उपाय अपनाएं: कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से बचें और जैविक विकल्पों को प्राथमिकता दें।
  • फसल चक्र अपनाएं: फसल चक्र अपनाने से कीटों की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है।

निष्कर्ष:

मटर की फसल को सुंडी कीट से बचाना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है, लेकिन सही समय पर उचित उपाय अपनाने से इस समस्या पर नियंत्रण पाया जा सकता है। फेरोमेन ट्रैप, ट्राइकोग्रामा कार्ड, और रासायनिक कीटनाशक जैसे उपाय फसल को बचाने में कारगर साबित होते हैं। इसके साथ ही जैविक उपायों को प्राथमिकता देकर फसल की गुणवत्ता और पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है। किसानों को सलाह दी जाती है कि वे फसल की देखभाल में सतर्कता बरतें और विशेषज्ञों की सलाह का पालन करें।

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