भारत सरकार ने किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना लागू की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को फसल खराब होने पर आर्थिक सहायता प्रदान करना है। हालांकि, कई किसान अपनी फसल के नुकसान के बावजूद बीमा क्लेम का भुगतान न होने से परेशान हैं। इस समस्या के समाधान के लिए राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल ने राज्य के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं कि सभी लंबित बीमा क्लेमों का शीघ्र निस्तारण किया जाए।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत, कृषि एवं उद्यानिकी मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे किसानों के लंबित बीमा क्लेम को जल्द से जल्द वितरित करें। वर्ष 2017 से 2022-23 तक, बीमा कंपनियों के पास 77 करोड़ 98 लाख रुपये के बीमा क्लेम लंबित हैं। इन मामलों में अधिकांश भुगतान बैंक खाता संबंधी कमियों के कारण अटका हुआ था।
कृषि पर्यवेक्षक और सहायक कृषि अधिकारी कैम्प लगाकर प्रभावित किसानों के दस्तावेजों को इकट्ठा करेंगे। इनमें आधार कार्ड, नए बैंक खाता विवरण, मृत्यु प्रमाण पत्र (यदि आवश्यक हो), और अन्य जरूरी दस्तावेज शामिल होंगे। इस प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया जाएगा ताकि किसानों को जल्द राहत मिल सके।
बैंक खाता और आधार सत्यापन की समस्याओं का समाधान: राज्य सरकार ने पहले भी निर्देश जारी किए थे, लेकिन बैंक खाता और आधार सत्यापन की समस्याओं के कारण भुगतान में देरी हो रही थी। इन समस्याओं के समाधान के लिए, जिला कलक्टर की अध्यक्षता में संबंधित बीमा कंपनियों के साथ बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इन बैठकों में यह निर्णय लिया गया है कि नवंबर 2024 तक सभी लंबित बीमा क्लेमों का निपटारा किया जाएगा, ताकि किसानों को समय पर सहायता मिल सके।
निष्कर्ष: फसल बीमा योजना किसानों को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण उपाय है। सरकार का यह प्रयास किसानों को समय पर आर्थिक सहायता प्रदान करने और उनके संघर्षों को कम करने का है।