Chilli varieties: नवंबर में इन 4 बेहतरीन हरी मिर्च किस्मों की बुवाई करें और पाएं 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादन
04 Nov, 2024 07:00 AM IST Updated Sun, 10 Nov 2024 01:31 PM
हरी मिर्च की खेती में किसानों के लिए अच्छी आमदनी का अवसर होता है, विशेषकर जब वे उन्नत किस्मों का चयन करते हैं। अक्टूबर-नवंबर में बुवाई के लिए कुछ ऐसी मिर्च की किस्में हैं जो उच्च पैदावार देती हैं और जिनका उत्पादन भी अधिक होता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे चार प्रमुख मिर्च की किस्मों के बारे में, जिन्हें नवंबर में बुवाई करके प्रति हेक्टेयर 300 क्विंटल तक का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
जवाहर मिर्च-148 किस्म Jawahar Mirch-148 variety:
नवंबर के महीने में हरी मिर्च की बुवाई के लिए जवाहर मिर्च-148 एक बेहतरीन विकल्प है। यह किस्म तेजी से पकने वाली होती है और इसका स्वाद हल्का तीखा होता है, जिससे इसे कई व्यंजनों में इस्तेमाल किया जा सकता है।
पैदावार: एक हेक्टेयर में जवाहर मिर्च-148 की खेती से 85 से 100 क्विंटल हरी मिर्च का उत्पादन हो सकता है। अगर इसे सुखाया जाए, तो प्रति हेक्टेयर 18 से 25 क्विंटल मिर्च का उत्पादन प्राप्त हो सकता है।
विशेषता: जल्दी पकने वाली किस्म और हल्का तीखा स्वाद इसे किसानों के बीच लोकप्रिय बनाता है।
पंजाब लाल किस्म Punjab red variety:
हरी मिर्च की फसल से अधिकतम उत्पादन के लिए पंजाब लाल किस्म एक बेहतरीन विकल्प है। यह किस्म अक्टूबर-नवंबर में बुवाई के लिए उपयुक्त है और इसके पौधे गहरे हरे पत्तों और मध्यम आकार की मिर्च वाले होते हैं।
पैदावार: पंजाब लाल किस्म की मिर्च की फसल 120 से 180 दिनों के बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है। एक हेक्टेयर में इसकी बुवाई से लगभग 100 से 120 क्विंटल मिर्च प्राप्त की जा सकती है।
विशेषता: इस किस्म की मिर्च का रंग लाल होता है, जो इसे बाजार में आकर्षक बनाता है और इसकी मांग को बढ़ाता है।
पंत चिली-1 किस्म Pant Chile-1 variety:
पंत चिली-1 किस्म अपने बेहतरीन उत्पादन और स्वाद के कारण किसानों में लोकप्रिय है। इसे लीफ कर्ल और मोजेक वायरस जैसी बीमारियों के प्रति भी प्रतिरोधी माना जाता है, जो इसे अधिक टिकाऊ बनाता है।
पैदावार: इस किस्म की बुवाई से एक हेक्टेयर में लगभग 7.5 टन मिर्च का उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
फसल अवधि: पंत चिली-1 की फसल 60 से 65 दिनों के बाद तुड़ाई के लिए तैयार हो जाती है।
विशेषता: यह किस्म अपनी प्रतिरोधी क्षमता के चलते लंबे समय तक टिकाऊ होती है और बंपर पैदावार देती है।
काशी अर्ली किस्म Kashi early variety:
अगर आप जल्दी तुड़ाई और अधिक उत्पादन के लिए हरी मिर्च की किस्म खोज रहे हैं, तो काशी अर्ली किस्म सबसे उपयुक्त है। यह किस्म जल्दी तैयार होती है और किसानों को बेहतर लाभ प्रदान करती है।
पैदावार: काशी अर्ली किस्म की खेती से प्रति हेक्टेयर लगभग 300 से 350 क्विंटल तक का उत्पादन संभव है।
फसल अवधि: इस किस्म की तुड़ाई 40 से 45 दिनों के भीतर हो सकती है।
विशेषता: पौधे की ऊंचाई लगभग 70 से 75 सेंटीमीटर होती है और इसमें छोटी गांठें होती हैं, जिससे तुड़ाई आसान हो जाती है।
हरी मिर्च की खेती के लाभ और देखभाल के तरीके: हरी मिर्च की खेती में अच्छा मुनाफा है, लेकिन इसके लिए सही किस्म का चयन और अच्छी देखभाल जरूरी है। निम्नलिखित सुझावों पर ध्यान देकर किसान अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में वृद्धि कर सकते हैं:
मिट्टी की तैयारी: अच्छी जल निकासी वाली भूमि और उपजाऊ मिट्टी का चयन करें।
सिंचाई: नियमित रूप से सिंचाई करें, लेकिन जलभराव से बचें।
खाद और उर्वरक: समय-समय पर जैविक और रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करें।
रोग नियंत्रण: मिर्च के पौधों को कीट और बीमारियों से बचाने के लिए उचित जैविक नियंत्रण अपनाएँ।
इन उन्नत किस्मों के साथ हरी मिर्च की खेती कर किसान न केवल अधिक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि बाजार में बेहतर कीमत भी पा सकते हैं।