गर्मी के मौसम में पशुपालकों को हरे चारे की कमी का सामना करना पड़ता है, जिससे पशुओं के दूध उत्पादन में गिरावट आती है। लेकिन अगर किसान मार्च के महीने में कुछ विशेष घासों की खेती करें, तो वे गर्मी में भी भरपूर हरा चारा प्राप्त कर सकते हैं। इससे पशुओं के पोषण में सुधार होगा और उनकी उत्पादकता भी बढ़ेगी। आज हम आपको तीन महत्वपूर्ण हरे चारे की फसलों के बारे में बताएंगे, जो गर्मी में चारे की कमी को पूरा करने में मदद करेंगी।
नेपियर घास, जिसे हाथी घास भी कहा जाता है, पशुपालकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रही है। यह घास बेहद पौष्टिक होती है और पशुओं के दूध उत्पादन को बढ़ाने में सहायक होती है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन और फाइबर पाया जाता है, जो पशुओं के स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है।
नेपियर घास की खेती कैसे करें?
अगर किसान गर्मी में पशुओं के लिए तेजी से उगने वाला हरा चारा चाहते हैं, तो लोबिया सबसे अच्छा विकल्प है। यह एक दलहनी फसल है, जो पशुओं के लिए पौष्टिक और पाचन में आसान होती है। लोबिया का हरा चारा दूध उत्पादन में वृद्धि करता है और पशुओं को आवश्यक पोषण प्रदान करता है।
लोबिया की खेती कैसे करें?
रिजका, जिसे लूसर्न के नाम से भी जाना जाता है, को "चारा फसलों की रानी" कहा जाता है। यह फसल गर्मी के मौसम में हरे चारे की निरंतर आपूर्ति प्रदान करती है। रिजका का हरा चारा पशुओं की पाचन शक्ति बढ़ाने के साथ दूध उत्पादन में भी मदद करता है। सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे एक बार लगाने के बाद कई बार काटा जा सकता है।
रिजका की खेती कैसे करें?
अगर किसान मार्च के महीने में नेपियर घास, लोबिया और रिजका जैसी चारा फसलों की खेती करते हैं, तो गर्मी में हरे चारे की कमी से पूरी तरह बच सकते हैं। इससे पशुओं को संतुलित पोषण मिलेगा, दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी और पशुपालकों की आय भी बढ़ेगी। अगर आप भी अपने पशुओं के लिए गर्मी में पर्याप्त हरा चारा चाहते हैं, तो अभी से इन फसलों की खेती शुरू करें।