यूरिया और डीएपी की कमी दूर करने के लिए सरकार का बड़ा कदम

यूरिया और डीएपी की कमी दूर करने के लिए सरकार का बड़ा कदम

डीएपी और यूरिया

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कृषि दुनिया
  • 02 Dec, 2024 12:00 AM IST ,
  • Updated Mon, 02 Dec 2024 01:24 PM

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में उर्वरक वितरण की स्थिति की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में उर्वरक की कोई कमी नहीं है और जो स्थान वितरण में समस्याएं सामने आ रही हैं, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, किसानों को उर्वरक की वितरण प्रक्रिया को पारदर्शी और सुचारू रूप से संचालित करने के लिए नए उपायों की घोषणा की गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को कोदो-कुटकी जैसे वैकल्पिक उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

उर्वरक की उपलब्धता और वितरण में सुधार Improvement in availability and distribution of fertilizer:

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बैठक के दौरान बताया कि प्रदेश में उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में 761 विक्रय केंद्र कार्य कर रहे हैं, जो किसानों तक उर्वरक की पहुंच सुनिश्चित कर रहे हैं। पिछले वर्ष की तुलना में उर्वरक विक्रय केंद्रों की संख्या में 60 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई है। प्रदेश में 10,000 से अधिक उर्वरक के नमूनों का परीक्षण किया गया है और 45 लाइसेंसों को निलंबित किया गया है। इसके अलावा, किसानों को बेहतर उर्वरक वितरण सुनिश्चित करने के लिए सोशल मीडिया के माध्यम से प्राप्त शिकायतों को तत्परता से हल करने के निर्देश दिए गए हैं।

उर्वरक की उपलब्धता और वितरण के लिए केंद्र सरकार से सहयोग Cooperation from Central Government for availability and distribution of fertilizer:

मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समय प्रदेश में 32.44 लाख मीट्रिक टन उर्वरक उपलब्ध है, जिसमें से 21.34 लाख मीट्रिक टन का विक्रय हो चुका है। उन्होंने यह भी बताया कि दिसंबर माह में 20 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की उपलब्धता बनी रहेगी। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री जे.पी. नड्डा और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से मिलकर प्रदेश में उर्वरक वितरण में और सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

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आने वाले सप्ताह में इन जिलों में पहुंचेगा उर्वरक Fertilizer will reach these districts in the coming week:

मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों में डीएपी, यूरिया, एनपीके और टीएसपी उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने आगामी सप्ताह में उर्वरक रैक की आपूर्ति के बारे में जानकारी दी। यह रैक टीकमगढ़, निवाड़ी, रीवा, कछपुरा, झुकेही, शहडोल, इटारसी, गुना, अशोकनगर, मेघनगर, खंडवा, शाजापुर, मंडीदीप, बैतूल, शिवपुरी और अन्य जिलों में पहुंचेगा।

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई Strict action against culprits:

मुख्यमंत्री ने कहा कि उर्वरक के अवैध भंडारण, कालाबाजारी और अन्य अवैध गतिविधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। हाल ही में 71 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें अवैध भंडारण, विक्रय, कालाबाजारी और नकली उर्वरकों के विक्रय से संबंधित मामले शामिल हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में ऐसे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।

उर्वरक वितरण की निगरानी: मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने यह भी कहा कि उर्वरक वितरण की निगरानी के लिए अधिकारी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। किसानों से सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अधिकारियों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे हर शिकायत का तुरंत समाधान करें और किसानों की समस्याओं को प्राथमिकता दें।

किसानों को दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश:

मुख्यमंत्री ने किसानों की सहायता के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए हैं:

  1. यदि रेलवे रैक में विलंब हो तो उर्वरक को सड़क मार्ग से भेजने की व्यवस्था की जाए।
  2. उर्वरक वितरण केंद्रों की संख्या बढ़ाई जाए और यदि आवश्यक हो तो किराए की दुकानों का उपयोग किया जाए।
  3. कृषि प्रदर्शनी और नई तकनीकों का प्रदर्शन किसानों के बीच किया जाए।
  4. फसल चक्र में बदलाव को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि किसानों को अधिक लाभ हो।
  5. प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दिया जाए और कोदो-कुटकी जैसे वैकल्पिक उर्वरक उत्पादकों को प्रोत्साहन दिया जाए।

निष्कर्ष: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेश में उर्वरक की आपूर्ति और वितरण को लेकर कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उन्होंने उर्वरक वितरण की प्रक्रिया को पारदर्शी और किसानों के हित में सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को कड़ी निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, सरकार द्वारा किसानों को उर्वरक के लिए नियमित आपूर्ति की व्यवस्था की गई है, ताकि वे अपनी फसलों के लिए सही समय पर उर्वरक प्राप्त कर सकें।

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