जलवायु climate:
- अदरक की फसल शुष्क और गर्म तापमान में सबसे अच्छी विकसित होती है।
- इसके लिए जलवायु में नमी नहीं होनी चाहिए।
- 1000-1800 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इसकी खेती अच्छी उपज के साथ की जा सकती है।
तापमान temperature:
- अदरक की खेती के लिए उपयुक्त तापमान 20 से 32 डिग्री सेल्सियस है।
- मिट्टी में नमी लगभग 70 प्रतिशत होनी चाहिए।
फसल की जलमांग Crop water demand:
- अदरक की फसल के फसल चक्र के दौरान 1000-1800 मिमी पानी की आवश्यकता होती है।
अदरक की खेती में मिट्टी की आवश्यकता Soil requirement in ginger cultivation:
- जलमग्न जमीन उपयुक्त नहीं है, और पानी की पर्याप्त निकासी होनी चाहिए।
- इसके लिए रेतीली दोमट मिट्टी सर्वाधिक उपयुक्त है।
पी.एच. मिट्टी P.H. Soil:
- अदरक की फसल के लिए मिट्टी की पी.एच. मात्रा लगभग 6 से 6.5 होनी चाहिए।
- यदि मिट्टी का पी.एच. 7 से ऊपर है, तो जिप्सम का छिड़काव मिट्टी के लिए जरूरी है।
- अगर पी.एच. 6 से कम है, तो मिट्टी में चूने का छिड़काव आवश्यक है।
अदरक की प्रमुख किस्में Major varieties of ginger:
- आई.आई.एस.आर. - अनुमानित पैदावार 22.6 टन प्रति हेक्टेयर, तैयार होने का समय 200 दिन।
- सुप्रभा - अनुमानित पैदावार 16.6 टन प्रति हेक्टेयर, तैयार होने का समय लगभग 229 दिन।
- सुरूचि - अनुमानित पैदावार 11.6 टन प्रति हेक्टेयर, तैयार होने का समय 218 दिन।
- सूरभी - अनुमानित पैदावार 17.5 टन प्रति हेक्टेयर, तैयार होने का समय 225 दिन।
- हेमागिरी - अनुमानित पैदावार 13.5 टन प्रति हेक्टेयर, तैयार होने का समय 230 दिन।
- आई.आई.एस.आर. महिमा - अनुमानित पैदावार 23.2 टन प्रति हेक्टेयर, तैयार होने का समय 200 दिन।
- आई.आई.एस.आर. रगीता - अनुमानित पैदावार 22.4 टन प्रति हेक्टेयर, तैयार होने का समय 200 दिन।
भूमि की तैयारी Land Preparation:
- नर्सरी बेड के बीच में 1 मीटर चौड़े और 15 सेमी ऊँचे होना चाहिए।
- मिट्टी की जुताई कर मिट्टी को भुरभुरी बनाएं, और जुताई कम से कम 2 बार करें।
- खेत में गोबर खाद और कम्पोस्ट बैक्टीरिया का इस्तेमाल करें।
अदरक की खेती की बुवाई Sowing of Ginger Cultivation:
- बीजों का 40 सेमी के अंतराल में बोना चाहिए, और मेड़ या कूड़ विधि से बुवाई करनी चाहिए।
- प्रकन्दों को 5 सेमी की गहराई पर बोना चाहिए।
- बोने के बाद अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद या मिट्टी से ढकना चाहिए।
नर्सरी की तैयारी Nursery Preparation:
- पौधों को पौधशाला में एक माह अंकुरण के लिए रखा जाता है।
- अदरक की नर्सरी के लिए उपस्थित बीजों को गोबर की सड़ी खाद और रेत (50:50) के मिश्रण से तैयार बीज शैया पर फैलाकर उसी मिश्रण से ढक दें और सुबह-शाम पानी का छिड़काव करते रहें।
अदरक की खेती में खाद एवं उर्वरक Manure and fertilizers in ginger cultivation:
- इसमें एनपीके की आवश्यकता 48:30:30 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से होती है।
- अदरक के कन्दों का चयन बीज हेतु 6-8 माह की अवधि वाली फसल में पौधों को चिन्हित करके काट लेना चाहिए।
अदरक फसल चक्र Ginger crop rotation:
- अदरक में फसल चक्र अपनाया जाना चाहिए।
- अदरक के साथ उगाई जाने वाली फसलें टैपिओका, रागी, धान, गिंगेली, मक्का और सब्जियाँ हैं।
जल प्रबंधन Water management:
- 1000-1800 मिमी वार्षिक वर्षा वाले क्षेत्रों में इसकी खेती अच्छी पैदावार के साथ की जा सकती है।
- अदरक की खेती गर्म और आद्रता वाले स्थानों में की जाती है।
- मध्यम वर्षा बुवाई के समय अदरक की गाँठों (राइजोम) के जमाने के लिए आवश्यक होती है।
अदरक फसल की खुदाई Digging of Ginger Crop:
- अदरक की खुदाई लगभग 8-9 माह में कर लेना चाहिए।
- खुदाई करने में देरी करने पर बीज की गुणवत्ता और भंडारण क्षमता में कमी आ जाती है।
- खुदाई करने के बाद प्रकंदों और पत्तियों में लगी हुई मिट्टी को साफ कर देना चाहिए।
फसल चिकित्सा रोग निवारण Crop Medical Disease Prevention:
रायझोम स्केल रोग:
- विवरण: यह रोग कीटों से अदरक की जड़ पर लगता है।
- लक्षण: अदरक की फसल सिकुड़ जाती है।
- निवारण: समय पर खुदाई करें और बिव्हेरिया बसियाना का प्रयोग करें।
प्रकंद सड़न रोग:
- विवरण: यह रोग तेजी से प्रभावित करता है।
- लक्षण: पत्तियाँ पीली और सूखने लगती हैं।
- निवारण: फसल चक्र अपनाएं और बाविस्टन का प्रयोग करें।
पत्ते लपेटक कीट रोग Leaf Wrapping Insect Diseases:
- विवरण: कीट पत्ते को लपेटता है।
- लक्षण: पत्तियाँ मुड़ती हैं और प्रकाश संश्लेषण में कमी आती है।
- निवारण: नीम तेल-लीमो का छिड़काव करें।
सिरा छेदक रोग:
- विवरण: कीट टहनी में छेद करते हैं।
- लक्षण: पत्तियाँ पीली पड़ जाती हैं।
- निवारण: सौर प्रकाश और फैरोमन ट्रैप्स का प्रयोग करें।
सफेद लट रोग:
- विवरण: यह कीट जड़ों को खाता है।
- लक्षण: पौधे सूखने लगते हैं।
- निवारण: गोबरखाद या कंडे की सूखी राख का प्रयोग करें।
पत्ती धब्बा रोग:
- विवरण: अधिक आर्द्रता में होता है।
- लक्षण: 50 प्रतिशत फसल की उपज को नुकसान।
- निवारण: अच्छे बीजों का चयन करें।
जीवाणु जन्य उकठा रोग:
- विवरण: बढ़ने की संभावना बारिश और गर्मी से होती है।
- लक्षण: 80 से 90 प्रतिशत प्रभावित।
- निवारण: बाविस्टिन और सुडोमोनास का प्रयोग करें।
कंद मक्खी रोग:
- विवरण: अदरक की उपज को हानि पहुँचाता है।
- लक्षण: पत्तियाँ पीली और सूखती हैं।
- निवारण: फसल चक्र अपनाएं।
उपज:
- उन्नत किस्मों और अच्छे प्रबंधन द्वारा औसत उपज 300 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्राप्त की जा सकती है।
भंडारण:
- अदरक को परिपक्वता से पहले भंडारण के लिए तैयार करना चाहिए।
- गर्मियों में ताजा प्रयोग हेतु 5 महीने, और सूखे प्रयोग हेतु 8-9 महीने के बाद खोद लेना चाहिए।