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Wheat cultivation: गेहूं की खेती में दानेदार सल्फर कोटेड यूरिया का लाभ, विशेषज्ञों से जानें कौन सा यूरिया बेहतर

Wheat cultivation: गेहूं की खेती में दानेदार सल्फर कोटेड यूरिया का लाभ, विशेषज्ञों से जानें कौन सा यूरिया बेहतर
सल्फर कोटेड यूरिया: गेहूं की खेती में क्रांति
01 Dec, 2024 12:00 AM IST Updated Sun, 01 Dec 2024 01:30 PM

यूरिया, गेहूं की फसल के लिए सबसे महत्वपूर्ण उर्वरकों में से एक है। यह न केवल पौधों को नाइट्रोजन प्रदान करता है, बल्कि फसल की उपज बढ़ाने में भी मदद करता है। गेहूं की खेती में यूरिया का उपयोग आमतौर पर दूसरी और तीसरी सिंचाई के दौरान किया जाता है। विशेष रूप से मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में किसान इन दिनों छोटे दाने वाले यूरिया का अधिक उपयोग करते हैं। लेकिन सवाल यह है कि दानेदार सल्फर कोटेड यूरिया और छोटे दाने वाले यूरिया में से कौन सा अधिक फायदेमंद है?

छोटे दाने वाले (प्रिल्ड) यूरिया की विशेषता Characteristics of Prilled Urea:

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक, वीरेंद्र सिंह सोलंकी के अनुसार, वर्तमान में छोटे दाने वाले यूरिया की उपलब्धता अधिक है। इसमें 46% नाइट्रोजन होती है और यह पानी में जल्दी घुल जाता है। हालांकि, इसका मुख्य नुकसान यह है कि यह अधिक बारिश या सिंचाई के कारण घुलकर पौधों की जड़ों से नीचे चला जाता है। इससे भूमि जल प्रदूषित होता है और पौधों को पर्याप्त पोषण नहीं मिल पाता।

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दानेदार (मोटे दाने वाले) यूरिया की उपयोगिता Usefulness of granular (coarse grained) urea:

दानेदार यूरिया को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह धीरे-धीरे घुलता है। इससे पौधों को लंबे समय तक नाइट्रोजन मिलती है। सोलंकी बताते हैं कि यह न केवल पौधों को बेहतर पोषण प्रदान करता है, बल्कि गैस के रूप में उड़ने या पानी के साथ बहने से होने वाले नुकसान को भी कम करता है।

सल्फर कोटेड यूरिया: उत्पादकता बढ़ाने का बेहतरीन उपाय Sulfur Coated Urea: Best way to increase productivity:

हाल के वर्षों में सल्फर लेपित यूरिया को भी विकसित किया गया है। इसके दानों पर सल्फर की परत चढ़ाई जाती है, जिससे यह धीरे-धीरे घुलता है। इसमें 37% नाइट्रोजन के साथ-साथ 17% सल्फर भी होता है, जो पौधों को लंबे समय तक पोषण प्रदान करता है। सल्फर फसल की गुणवत्ता को बढ़ाने के साथ-साथ उत्पादन में भी वृद्धि करता है।

किसान किस यूरिया का उपयोग करें? कृषि विशेषज्ञों की सलाह है कि जहां भी उपलब्ध हो, किसान दानेदार और सल्फर लेपित यूरिया का उपयोग करें। छोटे दाने वाले यूरिया की तुलना में मोटे दाने वाले यूरिया का उपयोग अधिक फायदेमंद होता है। गेहूं और अन्य रबी फसलों के लिए ये विकल्प बेहतर उत्पादन और पोषण सुनिश्चित करते हैं।

यूरिया की पैकिंग और उपलब्धता:

  1. छोटे दाने वाला और दानेदार यूरिया: 45 किलोग्राम की पैकिंग में उपलब्ध।
  2. सल्फर लेपित यूरिया: 40 किलोग्राम की पैकिंग में बाजार में उपलब्ध।

निष्कर्ष: मोटे दाने वाला दानेदार और सल्फर कोटेड यूरिया गेहूं सहित अन्य रबी फसलों के लिए अधिक उपयोगी है। यह पौधों को लंबे समय तक पोषण प्रदान करता है, भूमि जल को प्रदूषण से बचाता है और उत्पादन बढ़ाने में सहायक है। किसानों को सलाह है कि इन उर्वरकों को प्राथमिकता दें और बेहतर फसल उपज प्राप्त करें।

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