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Sugarcane transportation: गन्ना किसानों के लिए आयुक्त का नया आदेश, इस बार होगा कुछ खास, जानिए क्या

Sugarcane transportation: गन्ना किसानों के लिए आयुक्त का नया आदेश, इस बार होगा कुछ खास, जानिए क्या
गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए आयुक्त का नया आदेश
12 Dec, 2024 12:00 AM IST Updated Thu, 12 Dec 2024 08:07 PM

उत्तर प्रदेश में सर्दियों के दौरान गन्ना चीनी मिलों तक पहुंचाने में किसानों को किसी भी प्रकार की परेशानी से बचाने के लिए गन्ना एवं चीनी आयुक्त ने खास निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और सड़क दुर्घटनाओं को रोकना है।

गन्ना ढुलाई के लिए आयुक्त के निर्देश Commissioner instructions for sugarcane transportation:

गन्ना किसानों को अब अपने वाहनों में लाल और पीली रिफ्लेक्टर पट्टियां लगानी अनिवार्य कर दी गई हैं। यह निर्देश ट्रैक्टर-ट्रॉलियों, बैलगाड़ियों और अन्य गन्ना ढुलाई वाले वाहनों पर लागू होते हैं।

क्यों जरूरी है रिफ्लेक्टर पट्टी का उपयोग Why is it necessary to use reflector strip?

सर्दियों में कोहरे के कारण सड़कों पर दृश्यता कम हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। गन्ना लदे हुए वाहन अक्सर बड़े वाहनों के लिए अदृश्य हो जाते हैं, जो सड़क सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बन सकते हैं।

आयुक्त प्रभु एन. सिंह ने बताया कि:

  • रिफ्लेक्टर पट्टी दूर से ही दिखाई देती है, जिससे अन्य वाहनों के चालकों को सड़क पर मौजूद गन्ना ढुलाई वाले वाहनों का पता लग जाता है।
  • गन्ना लादने के दौरान बग्गी या ट्रॉलियों पर रिफ्लेक्टर छिप जाता है, इसलिए पट्टी को सही स्थान पर लगाना आवश्यक है।

वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने के नियम:

  1. ट्रैक्टर-ट्रॉलियों पर:
    • दोनों कोनों पर छह-छह इंच की लाल और पीली फ्लोरोसेंट पट्टी लगाएं।
  2. बग्गी के पिछले हिस्से पर:
    • लोहे की पट्टी पर लाल और पीली फ्लोरोसेंट पेंट करें।
  3. ट्रकों के बंपर पर:
    • अगले और पिछले हिस्से में फ्लोरोसेंट पट्टियां लगाएं।

यह कदम किसानों के वाहनों को सड़क पर आसानी से दिखाई देने योग्य बनाता है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा कम होता है।

रिफ्लेक्टर अभियान का शुभारंभ: गन्ना आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे गन्ना ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले वाहनों पर रिफ्लेक्टर लगाने का अभियान शुरू करें। यह कार्य चीनी मिल प्रबंधन के सहयोग से पूरे सीजन में दो से तीन बार सुनिश्चित किया जाएगा।

चीनी मिलों की जिम्मेदारी: सभी चीनी मिलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके क्षेत्र के सभी गन्ना ढुलाई वाले वाहनों पर रिफ्लेक्टर पट्टियां लगाई गई हों। इसके लिए स्थानीय सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी, पुलिस अधिकारी, और राजस्व अधिकारियों का सहयोग लिया जाएगा।

किसानों के लिए फीडबैक लेने की व्यवस्था:

गन्ना आयुक्त ने परीक्षेत्रीय अधिकारियों को यह निर्देश दिया है कि वे चीनी मिल यार्ड पर किसानों से मिलकर उनके अनुभवों और समस्याओं का फीडबैक लें।

  1. यदि किसानों को कोई समस्या हो, तो उसे तुरंत हल किया जाए।
  2. किसानों को विभागीय योजनाओं और कार्यों की जानकारी दी जाए।

गन्ने का मूल्य (2024-25):

उत्तर प्रदेश में गन्ने की कीमतें इस प्रकार हैं:

  1. रिजेक्टेड प्रजाति: ₹335 प्रति क्विंटल
  2. सामान्य और उन्नत प्रजाति: ₹350 प्रति क्विंटल
    केंद्र सरकार द्वारा गन्ने का एफआरपी (Fair and Remunerative Price) ₹340 प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।

चीनी मिलों की स्थिति:

  1. कुल चीनी मिलें: 120
  2. निजी क्षेत्र की मिलें: 93
  3. सहकारी क्षेत्र की मिलें: 24
  4. राज्य चीनी निगम की मिलें: 3

निष्कर्ष: गन्ना ढुलाई के दौरान रिफ्लेक्टर पट्टियों का उपयोग न केवल किसानों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि सड़क दुर्घटनाओं को भी रोकेगा। गन्ना एवं चीनी आयुक्त द्वारा दिए गए निर्देश किसानों की सुरक्षा और सुविधा के लिए महत्वपूर्ण कदम हैं। किसानों को चाहिए कि वे समय पर इन निर्देशों का पालन करें और अपनी फसल को बिना किसी परेशानी के चीनी मिलों तक पहुंचाएं।

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