Chickpea crop diseases: चने की फसल बचाना है तो अभी अपनाएं ये तरीका, हरी इल्लियों का होगा सफाया!

Chickpea crop diseases: चने की फसल बचाना है तो अभी अपनाएं ये तरीका, हरी इल्लियों का होगा सफाया!

हरी इल्लियों का सफाया करें, चने की फसल को बचाएं

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कृषि दुनिया
  • 06 Feb, 2025 02:12 PM IST ,
  • Updated Sat, 08 Feb 2025 12:57 PM

चने की खेती किसानों के लिए एक फायदेमंद सौदा साबित हो रही है, लेकिन इस समय कई कीट और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। विशेषज्ञों के अनुसार, अगर चने के खेत में चिड़ियों की आवाजाही बढ़ जाए, तो यह संकेत है कि फली छेदक कीट का प्रकोप होने वाला है। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि फली छेदक और कटवा सुंडी जैसे हानिकारक कीटों से कैसे बचा जा सकता है।

फली छेदक कीट का खतरा और पहचान:

फली छेदक कीट चने की फसल के लिए सबसे खतरनाक कीटों में से एक है। इस कीट की गिडारें पहले हल्के हरे रंग की होती हैं, लेकिन बाद में उनका रंग भूरा हो जाता है। ये कीट फलियों में छेद कर अंदर के दानों को नष्ट कर देते हैं, जिससे पैदावार पर भारी असर पड़ता है।

कैसे पहचानें कि फसल पर फली छेदक का अटैक हो चुका है?

  • चने के खेत में चिड़ियों का अधिक संख्या में बैठना
  • फलियों में छोटे-छोटे छेद दिखाई देना
  • दानों का आंशिक रूप से खाया जाना
  • फसल की हरी पत्तियां धीरे-धीरे पीली पड़ने लगना

फली छेदक कीट से बचाव के उपाय:

1. रासायनिक उपाय:

  • फली बनना प्रारंभ होते ही मोनोक्रोटोफॉस 36 ईसी (750 मिली) या फेनवेलरेट 20 ईसी (500 मिली) को 500-600 लीटर पानी में मिलाकर प्रति हेक्टेयर छिड़काव करें।
  • पहला छिड़काव 50% फूल आने के बाद करें।
  • यदि रसायन उपलब्ध न हो, तो मिथाइल पैराथियान 2% घोल (25 किग्रा.) का छिड़काव करें।

2. जैविक उपाय:

  • न्यूक्लियर पॉलीहेड्रोसिस वायरस (एनपीवी) 250 से 350 शिशु समतुल्य को 600 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें।
  • खेत में प्रकाश प्रपंच (लाइट ट्रैप) लगाएं ताकि कीट आकर्षित होकर उसमें फंस जाएं।
  • खेत में पक्षियों के बैठने की जगह बनाएं, क्योंकि वे फली छेदक कीट के अंडों को खाकर उनकी संख्या को नियंत्रित कर सकते हैं।

कटवा सुंडी से बचाव के तरीके:

कटवा सुंडी चने के उगते हुए पौधों की तनों और शाखाओं को काटकर नुकसान पहुंचाती है। इससे बचाव के लिए निम्न उपाय अपनाएं:

1. रासायनिक उपाय:

  • 0.4% फैनबालरेट पाउडर (10 किग्रा.) प्रति हेक्टेयर की दर से भुरकाव करें।
  • आवश्यकता अनुसार अन्य कीटनाशकों का भी छिड़काव किया जा सकता है।

2. जैविक उपाय:

  • 5% नीम के बीज गिरी का अर्क या 3% नीम ऑयल का छिड़काव करें।
  • खेत में टिड्डी पकड़ने वाले जाल लगाएं ताकि उनकी संख्या को कम किया जा सके।

चने की खेती क्यों है फायदे का सौदा?

वर्तमान में दलहन फसलों के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं, क्योंकि उत्पादन मांग की तुलना में कम हो रहा है। इस साल अब तक लगभग 99 लाख हेक्टेयर में चने की खेती हो चुकी है, जिससे किसानों को अच्छा लाभ मिलने की उम्मीद है। लेकिन कीटों और रोगों से बचाव के लिए समय पर उचित उपाय करना जरूरी है

अगर चने के खेत में चिड़ियों की संख्या बढ़ रही है, तो यह फली छेदक कीट के आने का संकेत हो सकता है। ऐसे में तुरंत उचित बचाव के उपाय अपनाएं। जैविक और रासायनिक नियंत्रण दोनों ही कारगर हो सकते हैं, लेकिन कीटनाशकों का सही समय पर उपयोग करना बहुत जरूरी है। चने की खेती को सफल बनाने के लिए इन बातों का ध्यान रखें और अपनी फसल को सुरक्षित रखें

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