भारत गेहूं उत्पादन में दुनिया में दूसरा स्थान रखता है, जो यहां की कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों की अनुसंधान क्षमता का परिणाम है। इन संस्थानों के सहयोग से विकसित गेहूं की नई किस्में किसानों की फसल उत्पादन में सहायता करती हैं। हाल ही में, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) ने गेहूं की एक नई किस्म ‘CG 1040 (मावंती)’ लॉन्च की है, जो विशेष रूप से सूखे और उच्च तापमान वाले क्षेत्रों के लिए तैयार की गई है। आइए जानते हैं इस किस्म की प्रमुख विशेषताएं और इससे मिलने वाले फायदे।
इस किस्म को इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विश्वविद्यालय एवं अनुसंधान केंद्र, बिलासपुर (छत्तीसगढ़) द्वारा विकसित किया गया है। इसे मध्य प्रदेश, गुजरात, छत्तीसगढ़, राजस्थान के कोटा-उदयपुर संभाग, और उत्तर प्रदेश के झांसी क्षेत्र में अर्द्धसिंचित से सिंचित खेती के लिए अनुशंसित किया गया है। इस प्रकार के क्षेत्रों में नवंबर में बुवाई से सर्वोत्तम उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है।
किस्म | सिंचाई की आवश्यकता | औसत उत्पादन (क्विंटल प्रति हेक्टेयर) |
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C 306 | 1-2 बार पानी | 5-8 क्विंटल |
Hi 1650 | 3-5 बार पानी | 14-16 क्विंटल |
HI 8830 | 4-6 बार पानी | 15-18 क्विंटल |
HI 1655 | 1-2 बार पानी | 8-10 क्विंटल |
लोक 1 | 2-4 बार पानी | 10-13 क्विंटल |
पूर्णा | 3-4 बार पानी | 10-13 क्विंटल |
पूसा अहिल्या | 3-5 बार पानी | 12-15 क्विंटल |
GW 513 | 4-5 बार पानी | 12-16 क्विंटल |
GW 322 | 5-6 बार पानी | 15-16 क्विंटल |
पूसा मंगल | 5-6 बार पानी | 16 क्विंटल |
पूसा मालवी | 5-6 बार पानी | 15-16 क्विंटल |
प्रधान | 5-6 बार पानी | 15-16 क्विंटल |
निष्कर्ष: गेहूं की नई किस्म CG 1040 किसानों के लिए एक उपयुक्त विकल्प बनकर उभर रही है, विशेषकर सूखा और उच्च तापमान वाले क्षेत्रों के लिए। यह किस्म कम सिंचाई में भी बेहतर उत्पादन क्षमता, उच्च पोषण स्तर, और रोग प्रतिरोधकता जैसे लाभ प्रदान करती है, जिससे किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है।