Basant Panchami Amrit Snan: मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी पर महाकुंभ का अगला शाही स्नान, जानें शुभ मुहूर्त

Basant Panchami Amrit Snan: मौनी अमावस्या के बाद बसंत पंचमी पर महाकुंभ का अगला शाही स्नान, जानें शुभ मुहूर्त

बसंत पंचमी शाही स्नान

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कृषि दुनिया
  • 02 Feb, 2025 01:33 PM IST ,
  • Updated Sun, 02 Feb 2025 03:06 PM

Basant Panchami Amrit Snan: महाकुंभ स्नान पर्व एक अद्भुत धार्मिक अवसर है, जब दुनियाभर से श्रद्धालु त्रिवेणी संगम पर आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। महाकुंभ में शाही स्नान के दिन सबसे ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है और खासतौर पर उन दिनों का महत्व होता है जब शाही स्नान की परंपरा निभाई जाती है। अब तक कुंभ में तीन शाही स्नान हो चुके हैं और इस लेख में हम आपको बताएंगे कि अगला शाही स्नान कब है, और साथ ही इस खास अवसर पर किस प्रकार की तैयारी की जाए।

बसंत पंचमी शाही स्नान मुहूर्त 2025:

बसंत पंचमी के दिन पूरे दिन शाही स्नान किया जा सकता है, लेकिन यदि शाही स्नान के लिए सबसे शुभ मुहूर्त की बात की जाए, तो वह 3 फरवरी 2025 को सुबह 5:23 बजे से लेकर 6:16 बजे तक का समय रहेगा। यह समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है, जो खासतौर पर पुण्यकारी माना जाता है। इस समय स्नान करने से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है और माना जाता है कि इस दौरान संगम में डुबकी लगाने से सारे पाप समाप्त हो जाते हैं।

अमृत स्नान की विशेषताएं:

महाकुंभ में अमृत स्नान को बेहद पवित्र और पुण्यकारी माना जाता है। विशेष रूप से, इस दिन सबसे पहले नागा साधु स्नान करते हैं, जिन्हें प्राचीन काल से धर्म और संस्कृति के रक्षक माना जाता है। इसके बाद आम श्रद्धालु स्नान करते हैं। नागा साधुओं को पहले स्नान का अधिकार दिया जाता है, क्योंकि यह परंपरा है कि धर्म के रक्षक पहले स्नान करें।

आगे के शाही स्नान की तिथियां:

महाकुंभ में अभी और शाही स्नान होने बाकी हैं। यहां उन तिथियों की सूची दी जा रही है, जिन पर आप महाकुंभ के शाही स्नान में भाग ले सकते हैं:

  • 3 फरवरी 2025 - बसंत पंचमी (शाही स्नान)
  • 12 फरवरी 2025 - माघ पूर्णिमा (पर्व स्नान)
  • 26 फरवरी 2025 - महाशिवरात्रि (पर्व स्नान)

शाही स्नान का महत्व: कुंभ मेले में शाही स्नान को विशेष महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि इस दिन संगम में डुबकी लगाने से व्यक्ति को असीम पुण्य की प्राप्ति होती है। यह दिन न केवल इस जन्म के पापों को धोने का अवसर होता है, बल्कि पिछली पीढ़ियों के पाप भी समाप्त हो जाते हैं और पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।

संगम स्नान के दौरान सावधानियां:

चूंकि महाकुंभ के दौरान भारी भीड़ होती है, इसलिये आपको कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए:

  • भीड़ से बचें: कोशिश करें कि आप ऐसे घाटों पर स्नान करें जहां भीड़ कम हो। संगम के 15 किलोमीटर दायरे में किसी भी घाट पर स्नान किया जा सकता है।
  • भारी सामान से बचें: महाकुंभ में भारी सामान लेकर न जाएं, क्योंकि यह आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है।
  • खतरनाक स्थिति से बचें: मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ से सीख लें और रेती पर सोने से बचें। हमेशा सुरक्षित जगह पर रहें और किसी प्रकार की अफवाहों से दूर रहें।

महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के स्नान के साथ होगा, और यह मेला श्रद्धालुओं के लिए एक जीवनभर के अनुभव से कम नहीं होता। इसलिए, आप भी इस अद्भुत अवसर का हिस्सा बनें और महाकुंभ के शाही स्नान का पुण्य प्राप्त करें। मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, ताकि किसी भी प्रकार की समस्या होने पर तुरंत मदद ली जा सके।

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